टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-जमीन घोटाले में समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से हाई कोर्ट में याचिका डाली गई थी. इसे लेकर शुक्रवार को यानि 13 अक्टूबर को ईडीअपना पक्ष रखेगी. दरअसल, बुधवार को इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. चीफ जस्टीस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेने ने इसे लेकर साफ टिप्पणी की थी. दरअसल, अदालत ने कहा था कि पिछली सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया था कि इस मामले में दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित होकर पक्ष रखेंगे. इसे लेकर 11 अक्टूबर की तारीख की मांग की गई थी. तब अदालत ने 11 तारीख को हेमंत सोरेन और 13 को अक्टूबर को ईडी को अपना पक्ष रखने को कहा था.
वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने रखा था पक्ष
आपको बता दे कोर्ट ने यह टिप्पणी बुधवार को तब कि जब इस मामले में सीएम सोरेन की तरफ से ऑनलाइन पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने अदलात को बताया कि ईडी ने हेमंत सोरेन को समन जारी करने का स्पष्ट आधार नहीं बताया है. उन्होंने कहा था कि हेमंत पर ईडी ने कोई प्राथमिकी नहीं की है. इसके साथ ही उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला भी लंबित नहीं है. इतना ही नहीं जांच एजेंसी ने हेमंत सोरेन को गवाह या आरोपित के रूप में बुलाया है, यह भी स्पष्ट नहीं है. लिहाजा, इन सबो को देखते हुए समन रद्द कर देना चाहिए. इसके बाद पी. चिदंबरम ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह के एक मामले में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल है. याचिका निष्पादन के बाद ही हाई कोर्ट को इस पर सुनवाई करनी चाहिए. उन्होंने इस याचिका पर 18 अक्टूबर को सुनवाई करने की अदालत से गुजारिश की. हालांकि, इस पर कोर्ट ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लंबित रहने पर हाई कोर्ट सुनवाई रोकने के लिए बाध्य नहीं है. ईडी इस मामले में पहले से तय तारीख को ही अपना पक्ष रखेगी.
सीएम हेमंत सोरेन को पांच बार समन भेज चुकी है ED
रांची जमीन घोटाले में जांच एजेंसी ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अभी तक पांच बार समन जारी कर चुकी है . ईडी ने पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा है. जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी के समन के खिलाफ याचिका दाखिल की .याचिका में इस बात को कहा गया था कि, जांच एजेंसी ने इससे पहले अवैध खनन के सिलसिले में समन जारी किया था. इसके बाद वे हाजिर हुए थे और अपना बयान दर्ज कराया, अपनी और पारिवारिक संपत्तियों का ब्योरा दिया. अपनी और अपने परिवार की सारी संपत्ति आयकर में घोषित है. इसके बाद ईडी ने उन्हें फिर समन भेजा है, जो कि उचित नहीं है . उन्होंने समन को मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया है.