टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : विकास विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के देश भर में कुल 24 ठिकानों पर लगातार दो दिनों की छापेमारी और करीब 30 घंटों की सघन पूछताछ के बाद ईडी ने बुधवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद से ही ब्यूरोक्रेट्स में सनसनी मची हुई है. वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद गुरूवार उन्हें मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां उनका कोरोना जांच भी किया गया. इसके बाद ईडी के अधिकारी उन्हें लेकर ईडी दफ्तर पहुंचे. जानकारी के अनुसार गुरूवार दोपहर तक उन्हें ईडी के स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा. वहीं सूत्रों की माने तो कोर्ट में ईडी उन्हें 7 दिनों के रिमांड पर लेने की मांग कर सकती है. ताकि मामले को लेकर आगे की पूछताछ जारी रह सके.
ईडी के हाथ लगी करोड़ों की संपत्ति
सूत्रों का दावा है कि वीरेन्द्र कुमार राम के रांची, जमशेदपुर, मानगो, सिवान, हरियाणा, दिल्ली सहित देश के 24 ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी की टीम को दर्जनों लग्जरी गाड़ियां, दिल्ली, हरियाणा सहित कई स्थानों पर करोड़ों का बंगला, डेढ़ करोड़ से अधिक के जेवरात, करोड़ों रुपये का शेयर मार्केट में निवेश, प्रोपर्टी के कागजात और दूसरे निवेश की जानकारी हाथ लगी है.
पेन ड्राइव और दूसरे कागजात
वहीं दावा किया जा रहा है कि ईडी की टीम को वीरेंद्र कुमार राम के आवास से एक पेन ड्राइव और ऐसे कागजात हाथ लगे हैं, जिसमें उसकी काली कमाई का सारा काला चिट्ठा दर्ज है. साथ ही पैसों से जुड़ी लेन-देन का ब्योरेवार विवरण भी मौजूद है. भ्रष्टाचार के सारे आरोपों के बावजूद जिस प्रकार से इन्हें वर्तमान सरकार के द्वारा महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां सौंपी जाती रही, उसका राज छुपा है. बता दें कि वीरेंद्र राम पर आय से अधिक संपत्ति और धन शोधन का आरोप है. जिसके खिलाफ ईडी यह कार्रवाई कर रही है.
कैसे शुरु हुई पतन की कहानी
दरअसल, जमशेदपुर के एक ठेकेदार विकास कुमार शर्मा की शिकायत पर झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत एक जुनियर अभियंता सुरेश कुमार वर्मा को जमशेदपुर स्थित आवास 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद 16 नवंबर 2019 में सुरेश प्रसाद वर्मा के आवास पर छापा मारी की गयी थी, इस छापेमारी में एसीबी की टीम को करीबन 2.44 करोड़ रुपये हाथ लगे थें. बाद में सुरेश कुमार वर्मा ने यह दावा किया था कि यह सारे पैसे अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के हैं. इसके बाद ही इस मामले की जांच मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत शुरु कर दी गयी.
कई बार लगे भ्रष्टाचार का आरोप
जानकारी के अनुसार वीरेंद्र राम ने पद में रहते हुए ग्रामीण विकास विभाग में कई बड़े घोटाले कर अताह रकम अर्जित की. इसी की जांच करने में ED लगी हुई है. वहीं वीरेंद्र राम की नेताओं में भी अच्छी पकड़ है. इसी का फायदा उठा कर उन्होंने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित किया है. बता दें कि वीरेंद्र राम कई महत्वपूर्ण स्थानों पर रह चुके हैं. इस बीच इनके खिलाफ कई बार कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप विभिन्न स्तर पर सामने आए हैं. भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर उनके खिलाफ विधानसभा में भी सवाल उठ चुका है.