टीएनपी (Tnp desk):-पिछले दिनों ये काफी हंगामा मचा था कि कथित जमीन घोटाले, मनरेगा और अन्य घोटालों में कैद बिरसा मुंडा कारा में बंद आरोपी, ईडी के अधिकारियों पर ही तरह-तरह की गंदी साजिश रच रहे हैं. उन तमाम हथकंडों को अपनाए जाने की जुगत भिड़ायी जा रही थी, ताकि जांच की आंच मंद हो और जांच एजेंसी के अफसरों को फंसाया जा सके. ताकि उन्हें घोटालों के जंजाल से आजादी मिल सके. हालांकि, वक्त रहते ईडी को इसकी बू लग गई थी, उन तमाम साजिशकर्ताओं की उल्टी खोपड़ी की तिकड़म समझ गये थे. खासकर सत्ता का दलाल प्रेम प्रकाश पर ही इन तमाम तरह की आरोप चस्पा थे, कि वह ही ईडी के मुलाजिमों को सलटाने के लिए नक्सलियों और अपराधियों को सेट करने लगा है. इतना ही नहीं कुछ महिलाओं के इस्तेमाल कर भी ईडी अधिकारियों को बलात्कार और योण शोषण के मामले में फंसाने की बेहद निचले दर्जे की योजना बनाई गई . इस साजिश में ये भी बात सामने आई थी, कि इन तोहमतों के जरिए जांच अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज करवाना था, ताकि इन जांच अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार कर बिरसा मुंडा जेल लाया जा सके. ताकि फिर आगे की तिकड़म भिडा सके . इसकी भनक लगने के बाद ईडी ने प्रेम प्रकाश औऱ अमित अग्रवाल को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की सिफारिश की थी.
ईडी अफसर देवव्रत झा को मिली सुरक्षा
जेल में बंद माफिया और नक्सलियों के संभावित खतरे को देखते हुए केन्द्र ने ईडी के एक अफसर को सशस्त्र सुरक्षा कवर दिया है, जो झारखंड में तैनात है और कुछ चर्चित मनी लाउंड्रिंग मामलों की जांच कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक जो खबर सामने आई है, उसके मुताबिक ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. इसमे केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों से आने वाले संभावित खतरों को बारे में रिपोर्ट सौंपी गई थी.
देवव्रत झा रांची में ईडी के रिजनल ऑफिस में तैनात है और झारखंड में कई धनशोधन मामलों के जांच अधिकारी हैं. इनमें कथित भूमि घोटाला, शराब घोटाला और मनरेगा और अन्य योजनाओं में कथित गड़बड़ी से संबंधित आईएस अधिकारियों और वरिष्ठ नौकरशाहों खिलाफ दर्ज मामले शामिल है.
24 घंटे मिलेगी सुरक्षा
सूत्रों के मुताबिक बताया गया कि सीआईएसएफ की वीआईपी सुरक्षा शाखा को झा को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है. दरअसल, ये फैसला ऐसे वक्त आया है जब एजेंसी ने तीन नवंबर को रांची की बिरसा मुंडा जेल में तलाशी ली, जिसके बाद उसे सूचना मिली कि एजेंसी जिन मन लॉन्ड्रिंग मामलों में जांच कर रही है. उनके कुछ आरोपियों की ओर से गवाओं को धमाक कर प्रभावित करने, सबूतों को नष्ट और ईडी अधिकारियों को निशाना बनाने की साजिश रची जा रही है.
ईडी की ओर से गिरफ्तार कई आरोपी अभी बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. अधिकारियों ने ये बताया कि केंद्रीय सुरक्षा बलों को भी निर्देश दिया गया है कि जब भी एजेंसी के सीनियर अफसर, इन मामलों की निगरानी के लिए राज्य का दौरा करें तो उन्हें पूरी तरह से सशास्त्र सुरक्षा दी जाए.