रांची(RANCHI) - डुमरी विधानसभा सीट खाली है और यहां पर उपचुनाव होना है. इसको लेकर राजनीतिक कवायद शुरू है. रही बात कौन लड़ेगा चुनाव, तो सत्ता पक्ष की ओर से स्पष्ट है.यह सीट दिवंगत शिक्षा मंत्री के निधन की वजह से खाली हुई है.शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के परिवार के किसी सदस्य को उनकी पार्टी यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी बनाएगी.
जगरनाथ महतो पत्नी लड़ सकती है चुनाव
दिवंगत जगरनाथ महतो के पुत्र की उम्र चुनाव लड़ने लायक नहीं है इसलिए ऐसा लग रहा है कि उनकी पत्नी चुनाव लड़ सकती हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा वैसे तो अपील की है सभी दलों से की जगरनाथ महतो को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि उनके खिलाफ कोई भी दल अपना प्रत्याशी नहीं उतारे.पर ऐसा होता कहां है. चुनाव हो तो प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव लड़ते ही है. चलिए आगे महत्वपूर्ण जानकारी आपको देते हैं.
आजसू भाजपा से मांगेगी समर्थन
आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा है कि डुमरी विधानसभा उपचुनाव के लिए बड़े सहयोगी दल भाजपा से समर्थन मांगा जाएगा. पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2019 में हुए चुनाव में आजसू ने भी अपना प्रत्याशी उतारा था और भाजपा ने भी. क्योंकि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू का गठबंधन टूट गया था. आजसू एनडीए का सहयोगी जल रहा है पिछले रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एनडीए संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा और आजसू की प्रत्याशी सुनीता देवी को जीत मिली. भाजपा और आजसू के नेताओं ने बहुत बेहतरीन तालमेल के साथ इस सीट पर चुनाव लड़ा जिसका फल यह हुआ कि एनडीए फोल्डर में यह सीट गई.
लंबोदर महतो कहते हैं कि जनाधार के आधार पर आजसू का इस सीट पर हक बनता है. इसलिए भाजपा से इस सीट पर सहयोग मांगा जाएगा. अब जानी है भाजपा का क्या तर्क है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि डुमरी विधानसभा उपचुनाव एनडीए मजबूती के साथ लड़ेगा. वहां पर कमल हो या केला, वही जीतेगा. जाहिर सी बात है कि दीपक प्रकाश ने परोक्ष रूप से यह संकेत दे दिया है कि जो उचित होगा वह निर्णय लिया जाएगा संभव है कि आजसू को भाजपा समर्थन दें.
ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आजसू का ही प्रत्याशी यहां से एनडीए का प्रत्याशी होगा. पिछले विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर आजसू का ही प्रत्याशी रहा था. आजसू का यह तर्क थोड़ा दमदार जरूर लग रहा है. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि वैसे तो जगरनाथ महतो अपने क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय रहे हैं. उपचुनाव में उनके परिवार के सदस्य अगर प्रत्याशी होते हैं तो उनका पलड़ा भारी रहेगा. पर चुनाव तो चुनाव होता है.अगर चुनावी मैदान में कोई तुलनात्मक रूप से अच्छा प्रत्याशी दूसरे दल का आता है तो जनता उसे भी आशीर्वाद दे सकती है.सूत्रों के अनुसार डुमरी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव जुलाई महीने में कराया जा सकता है. चुनाव आयोग ने यहां पर आरंभिक तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद प्रत्याशी के नामों की घोषणा हो जाएगी. चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष दीपक प्रकाश से मिलकर समर्थन का आग्रह करेंगे.