दुमका(DUMKA): चोरी कानूनन जुर्म है यह जानते सभी हैं इसके बाबजूद आए दिन चोरी की घटना घटित होती है और मामला थाना से होकर न्यायालय तक पहुँचता है. आपने आज तक धन दौलत सहित विभिन्न प्रकार के सामानों की चोरी की घटना सुनी होगी लेकिन आज हम आपको एक ऎसी चोरी की वारदात बताने जा रहे है जिसकी शिकायत फिलहाल झारखंड के सीएम से की गई है, लेकिन आने वाले समय में यह मसानजोर डैम की भांति झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच ना केवल विवाद का कारण बन सकता है बल्कि इसकी गूंज अंतररास्ट्रीय मंच पर भी सुनाई पड़ सकती है.
विद्यालय से ब्लैक बोर्ड की चोरी की घटना तो आप सुने ही होंगे लेकिन आज हम बता रहे है शिक्षा के ब्लैक बोर्ड मॉडल की चोरी की औऱ इस मॉडल की चोरी की शिकायत दुमका के शिक्षक डॉ सपन कुमार ने सीएम हेमंत सोरेन से की है. चोरी का आरोप लगा है पश्चिम बंगाल के शिक्षक दीप नारायण नायक पर.
क्या है शिक्षा का ब्लैक बोर्ड मॉडल
भारत मे वर्ष 2020 की शुरुवात कोरोना वायरस नामक महामारी से हुई. जिसने पूरे विश्व में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया. सड़कें वीरान तो नहीं कह सकते लेकिन सड़कों से वाहन गायब हो गए. विद्यालयों से छात्रों को दूर कर दिया गया. 2 गज दूरी मास्क है जरूरी के स्लोगन हर तरफ गूंजने लगे. जब जिंदगी बचाने के लिए पूरा प्रसासनिक अमला जद्दोजहद कर रहा था वैसे समय मे दुमका के जरमुंडी प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डूमरथर के शिक्षक डॉ सपन कुमार ने शिक्षा का अलख जगाए रखा. इसके लिए उन्होंने ब्लैक बोर्ड मॉडल की शुरुवात की. आदिवासी बाहुल्य डूमरथर गांव के गलियों की मिट्टी की दीवारों पर ब्लैक बोर्ड का निर्माण किया गया. सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हर छात्र के लिए एक ब्लैक बोर्ड बनाया गया.
पीएम मोदी भी मन की बात में कर चुके है इस मॉडल की तारीफ
शिक्षा के क्षेत्र में डॉ सपन के इस अभिनव प्रयोग की चर्चा दुमका से शुरू होकर विश्व पटल तक पहुचीं. 2020 में ब्लैक बोर्ड मॉडल की प्रशंसा सबसे पहले जिले के तत्कालीन डीसी, झारखंड के मुख्यमंत्री, नीति आयोग ने किया एवं 2021 में देश के प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में इस मॉडल की प्रशंसा की थी.
सीएम ने संबंधित विभाग के पदाधिकारी को कार्रवाई करने का दिया निर्देश
अब शिक्षक डॉ सपन कुमार के ब्लैक बोर्ड मॉडल की चोरी हो गई है. बंगाल के एक शिक्षक ने मॉडल का नकल करते हुए वर्की फाउंडेशन द्वारा आयोजित ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए इस मॉडल के नाम पर नॉमिनेशन किया है . सोमवार को दुमका में मुख्यमंत्री से मिलकर डॉ सपन कुमार ने लिखित तौर इस मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. सीएम ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर उपलब्ध संबंधित विभाग के पदाधिकारी को इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
पश्चिम बंगाल के शिक्षक दीप नारायण नायक ने ब्लैकबोर्ड मॉडल का किया नकल
यूनेस्को एवं वर्की फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाले ग्लोबल टीचर प्राइज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है. इसके लिए एक मिलियन डॉलर पुरस्कार की राशि निर्धारित है. विदित हो कि झारखंड के दुमका जिला के जरमुंडी प्रखंड के आदिवासी बहुत क्षेत्र में 2020 में कोरोना काल में बच्चो को पढ़ाने के लिए गांव के गलियों में मिट्टी के दीवारों पर अनोखे तरीके से ब्लैकबोर्ड बना कर पढ़ाने का काम शिक्षक डॉक्टर सपन कुमार ने किया था. ब्लैकबोर्ड मॉडल का नकल पश्चिम बंगाल के शिक्षक दीप नारायण नायक ने ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए किया है. वर्की फाउंडेशन, यूनेस्को द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्लोबल टीचर प्राइज में टॉप 10 में भारत के पश्चिम बंगाल के शिक्षक दीप नारायण नायक का चयन किया गया है. दीप नारायण नायक ने ब्लैकबोर्ड मॉडल को अपना मॉडल बता कर सबमिट किया है. इसको लेकर झारखंड के आदिवासी समाज के लोगों एवं शिक्षकों में काफी आक्रोश है.
इस संबंध में अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए डॉ सपन कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल के शिक्षक ने वर्ष 2021 में ब्लैक बोर्ड मॉडल की शुरुआत की थी जबकि उन्होंने 2020 में ही इसकी शुरुआत कर दी थी. उनके पढ़ाने के तरीके का अनुकरण दुनिया के सभी जगह पर किया जा सकता है किंतु इस मॉडल के लिए उन्हें तथा उनके गांव समाज के लोगों का भी नाम एवं सहमति होनी चाहिए. खासकर जिन्होंने इस मॉडल की शुरुआत की है.
पश्चिम बंगाल के शिक्षक ने ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए अपना नाम सबमिट किया
पश्चिम बंगाल के शिक्षक दीप नारायण नायक ने ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए अपना नाम सबमिट किया है. डॉ सपन ने कहा कि इस तरीके से बच्चों को कोई भी पढ़ा सकते हैं किंतु पढ़ाने के लिए किसी भी तरह का शुल्क या पुरस्कार नहीं ले सकता है. इस संबंध में दुमका के न्यायालय में वर्ष 2020 में ही शपथ पत्र रजिस्टर कराया गया. डॉ सपन कुमार ने यूनेस्को, वर्की फाउंडेशन, प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, शिक्षा मंत्रालय एवं सहित संबंधित सभी स्थानों पर इस संबंध में सूचना देकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.
इस बाबत डुमरथर गांव के प्रधान रामबिलास मुर्मू ने कहा कि इस मॉडल की शुरुआत गांव के विद्यालय के शिक्षक डॉ सपन कुमार एवं समुदाय के लोगों ने मिलकर किया था. पश्चिम बंगाल के शिक्षक द्वारा हम लोगों के कामों की चोरी की गई है. उनके द्वारा हमलोगों के काम को अपना काम बताना एवम् हमलोगो का जिक्र नहीं करना कानूनन अपराध है . यूनेस्को एवं वर्की फाउंडेशन को ग्रामीण एवं विद्यालय के विद्यार्थियों ने भी इस संबंध में कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए नकल करने वाले शिक्षक पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
रिपोर्ट: पंचम झा