दुमका(DUMKA): पति के मृत्यु के बाद पत्नी ने दूसरी शादी कर ली थी और अपने तीन बच्चों को अपने मौसी को दे दिया था. उसकी मौसी ने तीनों बच्चों को अलग-अलग परिवारों में दे दिया था. मां और दादा-दादी के रहने के बावजूद 12 वर्षीय किशोरी और 08 व 06 साल के उसके दो भाई अनाथ की तरह दूसरे परिवारों में पल रहे थे.
मसलिया प्रखण्ड में रहनेवाले दादा ने उपायुक्त को लिखित शिकायत की थी कि उनके बेटे की मृत्यु के बाद बहु ने दूसरी शादी कर ली है और बहु की मौसी ने उसके तीनों पोते-पोतियों को कहीं बेच दिया है. उपायुक्त द्वारा इस आवेदन को अग्रसारित करने पर बाल कल्याण समिति के समक्ष नवम्बर 2022 में यह मामला आया था. समिति ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 30 (2) के तहत केस दर्ज करते हुए जांच प्रक्रिया पूरी कर तीनों बच्चों को आज गुरुवार को उनके दादा-दादी को सौंप कर बच्चों को परिवार में रिस्टोर कर दिया है.
समिति के सामने प्रस्तुत हुई महिला
चाइल्ड ट्रैफकिंग की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए समिति ने जांच शुरू करते हुए उस महिला को तीनों बच्चों के साथ समिति के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए समन जारी किया. महिला दो बच्चों के साथ समिति के समक्ष हाजिर हुई. महिला और दोनों बच्चों के बयान से स्पष्ट हुआ कि बच्चे ट्रैफकिंग का शिकार नहीं हुए हैं बल्कि अलग-अलग परिवारों में रह रहे हैं और उनकी पढ़ाई भी चल रही है. समिति के आदेश पर तीसरे बच्चे को भी प्रस्तुत किया गया. वह एक निःसंतान दंपत्ति के साथ रह रहा था. इन तीनों बच्चों की मां दूसरी शादी करने के बाद अपने पति के साथ जामताड़ा में रह रही थी. समन जारी किये जाने पर लगभग एक महीने पूर्व वह समिति के समक्ष हाजिर हुई पर लगातार समन जारी करने के बावजूद बच्चों के दादा-दादी सामने नहीं आये. लिहाजा समिति ने तीनों बच्चों को उनकी मां के हवाले करते हुए उन्हें जामताड़ा भेज दिया था.
दादा अपने पोते-पोतियों को रखना चाहते हैं अपने साथ
गुरुवार को तीनों बच्चों के साथ उसकी मां, बच्चों के दादा-दादी और ग्रामीण समिति के समक्ष हाजिर हुए. दादा ने अपने बयान में बताया कि उनके पास 32 बीघा जमीन है. वह अपने तीनों पोते-पोतियों को अपने साथ रखना चाहते हैं. वह तीनों को पढ़ाएंगे-लिखाएंगे और उनकी अच्छी तरह से देखभाल करेंगे. चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस पेचिदा मामले की सुनवाई करते हुए तीनों बच्चों को उनके दादा-दादी के हवाले करते हुए घर भेज दिया.
चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि समिति इस मामले में फॉलोअप करती रहेगी. जरूरत महसुस हुई तो तीनों बच्चों को पात्रता के आधार स्पॉन्सरशिप स्कीम से जोड़ जायेगा ताकि उनके पढ़ाई-लिखाई में कोई बाधा नहीं आये.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका