दुमका(DUMKA): दुमका के बासुकीनाथ धाम की पहचान तीर्थ नगरी के रूप में है. फौजदारी बाबा बासुकीनाथ पर जलार्पण करने सालों भर शिव भक्त यहां आते है.सावन के महीने में मासव्यापी विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला लगता है.बासुकीनाथ धाम दुमका की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. मंदिर और आस पास के इलाके में हजारों दुकानें संचालित होती है जो लोगों के जीविकोपार्जन का आधार माना जाता है,लेकिन समय समय पर यहां आग का तांडव देखने को मिलता है.
चूड़ी गली से निकली चिंगारी ने मचाई तबाही
ताजा मामला शनिवार देर रात की है.चूड़ी गली से निकली आग की एक चिंगनी विकराल रूप धारण कर लिया और देखते देखते कई दुकानें जल कर राख हो गया.
दमकल की दो गाड़ियों ने आग पर पाया काबू
स्थानीय लोगों ने आग बुझाने का अथक प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली. दुमका जिला मुख्यालय से जब तक दमकल की गाड़ी पहुचीं तब तक सब कुछ जल कर स्वाहा हो गया. दमकल की दो गाड़ियों को आग बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. आखिरकार आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक स्थानीय दुकानदारों की दुनियां उजड़ चुकी थी. आग लगने की इस घटना के कारण के साथ क्षति का आकलन किया जा रहा है.
वर्षो से फायर स्टेशन की मांग कर रहे हैं लोग, बनता है चुनावी मुद्दा, मिलता है कोरा आश्वासन
बाबा बासुकीनाथ धाम में आगलगी की यह कोई पहली घटना नहीं. लोगों की माने तो बर्षान्त्राल पर आग लगने की यह 5वीं घटना है. बासुकीनाथ की महत्ता को देखते हुए स्थानीय लोग शुरू से ही यहां फायर स्टेशन की मांग करते आ रहे है.हर बार उन्हें शाशन और प्रसासन से आश्वासन मिलता है. बासुकीनाथ में फायर स्टेशन चुनावी मुद्दा बनता रहा है, लेकिन आज तक मांग पूरी नहीं हो सकी. नतीजा आगलगी कि घटना होने पर जब तक दुमका से दमकल की गाड़ी बासुकीनाथ पहुचती है तब तक सब कुछ जल कर राख हो जाता है.
रिपोर्ट-पंचम झा