दुमका (DUMKA) : मध्यप्रदेश के पेशाब कांड का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था. इसी बीच मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के नग्न परेड का मामला सामने आ गया. जिसके बाद से ही दुमका में उबाल देखने को मिला रह है. हर तरफ विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. पहले कंग्रेस, फिर झामुमो और अब छात्र समन्वय समिति ने इस घटना के विरोध में पुतला दहन किया. हर किसी ने मानवता को शर्मसार करने वाली घटना करार देते हुए दोषियों को कठोर सजा देने की मांग की है.
मानवता को शर्मसार करने वाली घटना
झामुमो ने जहां इस घटना के बहाने केंद्र सरकार के साथ-साथ मणिपुर की सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. झामुमो के कार्यकर्ताओं ने पीएम और सीएम से नैतिकता के आधार पर त्याग पत्र देने की मांग की. तो वहीं कांग्रेस कोटे से मंत्री बादल पत्रलेख ने घटना में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना करार दिया. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इस तरह की स्थितियां उत्पन्न हो रही है.
आरोपियों को मिलनी चाहिए कठोर सजा
पत्रलेख ने कहा कि इस तरह की घटना पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं है. जो घटना घटी है उसके तह तक जानी चाहिए. मानवता के साथ-साथ भावनात्मक रूप से जोड़कर इसको देखनी चाहिए. क्या वजह है जो समाज इस मार्ग पर उतर आया. वैसे लोगों को काउंसलिंग की जरूरत है और जो इसके पीछे हैं उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बेबाकी से कहा की ऐसी परिस्थितियां अगर हमारे देश में देखी जाएगी तो हमारा चेहरा जरूर कालिक से पुता होगा. मणिपुर के बाद पश्चिम बंगाल और बिहार से भी इस तरह की घटना सामने आ रही है. यह घटना हमें सोचने पर विवश कर रहा है कि आखिर कहां जा रहा है हमारा देश और समाज.
रिपोर्ट. पंचम झा