दुमका (DUMKA): दुमका में प्रशासन डाल डाल तो माफिया पात पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है और इसमें पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से इनकार भी नहीं किया जा सकता. खनिज संपदा के अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए जिला प्रशासन जितनी सख्ती बरत रही है . माफिया थाना के सहयोग से तरीका बदल बदल कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं.ताजा मामला हंसडीहा थाना इलाके का है, जहां डीसी के निर्देश पर एसडीओ कौशल कुमार के नेतृत्व में सिंह बिहार नामक लाइन होटल में छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान टीम को काफी मात्रा में विदेशी शराब के साथ कुछ रजिस्टर भी हाथ लगा है. जिसमे वाहन चालक से अवैध वसूली का पूरा ब्यौरा दर्ज है.
क्यों हुई छापेमारी
कल दुमका जिला में हंसडीहा थाना प्रभारी जितेंद सिंह और भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बिहार प्रभारी पंकज सिंह के बीच बातचीत का एक ऑडियो तेजी से वायरल हुआ. वैसे तो The News Post वायरल ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता. लेकिन ऑडियो में सुना जा सकता है कि कैसे पंकज सिंह हंसडीहा थाना प्रभारी जितेंद सिंह को ₹40 हजार लेकर ट्रक छोड़ने की जानकारी देने के साथ -साथ रुपया वापस करने के लिए कह रहा है. इसके लिए आधे घंटे का समय दे रहा है नहीं तो तमाम साक्ष्य वायरल करने की धमकी दे रहा है. ऑडियो में होटल सिंह बिहार का भी जिक्र हुआ है। ऑडियो के साथ पंकज सिंह का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें वह कह रहा है कि मिशन सफल रहा, रुपया वापस कर दिया गया.
वायरल ऑडियो पर जिला प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस वायरल ऑडियो और वीडियो पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया. डीसी रविशंकर शुक्ला के निर्देश पर एसडीओ कौशल कुमार की अगुवाई में एक जांच टीम का गठन किया गया. जिसमें जरमुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी फुलेश्वर मुर्मू अंचलाधिकारी राज कुमार प्रसाद, सरैयाहाट बीडीओ दयानंद जायसवाल को शामिल किया गया. जांच टीम पूरे मामले की जांच करने हंसडीहा स्थित सिंह विहार लाइन होटल पहुंची. जांच के दौरान होटल में काफी मात्रा में विदेशी शराब के साथ साथ रजिस्टर भी जप्त किया गया है। रजिस्टर में वाहन चालकों से अवैध वसूली का पूरा ब्यौरा अंकित है. होटल संचालक से पूछताछ की जा रही है.
खनिज संपदा के अवैध परिवहन को लेकर बदलता रहता है तरीका
दुमका से मुख्यतः बालू, पत्थर और कोयला का परिवहन होता है. खनिज संपदा के अवैध परिवहन को लेकर माफिया जिले में काफी सक्रिय है, जिसमें पुलिस प्रशासन की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. जिला प्रशासन द्वारा इसे रोकने के लिए जितनी शक्ति बरती जाती है समय-समय पर माफिया अपना तरकीब बदलते रहता है. कभी पासिंग गिरिह का खुलासा होता है तो कभी आम नागरिकों से अवैध वसूली करवाया जाता है. पासिंग गिरोह पर पूरी तरह अंकुश लगने के बाद माफिया द्वारा आम नागरिक और होटल संचालक को इस कार्य में लगाया गया है. पिछले महीने ही मुफस्सिल थाना के दिघ्घी ओपी क्षेत्र में ट्रक चालक से अवैध वसूली आम नागरिक द्वारा पुलिस के संरक्षण में कराया गया था, जिसका ऑडियो वायरल होने के बाद कार्यवाही करते हुए एसपी ने दिघ्घी ओपी प्रभारी को निलंबित कर दिया था. कल हंसडीहा थानेदार और भारत ट्रक एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बिहार प्रभारी के बीच बातचीत का ऑडियो जो वायरल हुआ. तो उसमें सिंह विहार नामक लाइन होटल के संचालक के नाम का भी जिक्र किया गया. दरअसल इसी लाइन होटल परिसर में पुलिस द्वारा ट्रक को पकड़ कर रखा जाता था, जहां होटल संचालक द्वारा रुपए की वसूली की जाती थी. बजाप्ता उसका रजिस्टर मेंटेन भी किया जाता था जो रजिस्टर आज एसडीओ कौशल कुमार के हाथ लगी है. अच्छी तरह जांच होने के बाद इस पूरे कारोबार में कई सफेदपोश बेनकाब हो सकते हैं.
चेक पोस्ट से शुरू होता है खेल
खनिज संपदा के अवैध परिवहन को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा शिकारीपाड़ा, हंसडीहा और गुहियाजोरी में चेकपोस्ट बनाया गया है, जहां दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है. इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों का जांच करना उनका दायित्व होता है. इन चेक पोस्टों से ही अवैध उगाही का खेला शुरू हो जाता है. चेक पोस्ट पर कागजात जांच करने के नाम पर वाहनों को रोका जाता है जहां वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। सूत्रों की माने तो हंसडीहा चेक पोस्ट पर पुलिस के संरक्षण में माफिया रुपए का सौदा करते हैं. दंडाधिकारी को विश्वास में लेकर एक साथ दर्जनों ट्रक को चेक पोस्ट पार कराया जाता है और उसके बाद इन ट्रकों को लाइन होटल में लगा दिया जाता है। जहां रुपए की वसूली की जाती है. इस अवैध वसूली में लाइन होटल की भूमिका बेहद अहम होती है. एक तो होटल पर वाहन रुकने से उसका व्यवसाय बढ़ता है वहीं अवैध वसूली का कुछ हिस्सा उसे कमीशन के रूप में मिलता है. पिछले महीने जब प्रसासन ने फर्जी चालान गिरोह का पर्दाफास किया था तो उसमें भी एक लाइन होटल की भूमिका सामने आई थी.
आज की कार्रवाई का क्या असर होता है . यह तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा . लेकिन, इतना तो साफ है कि यहां के माफिया औऱ पुलिस को ईडी का खौफ नहीं है.