दुमका(DUMKA): झारखंड पुलिस के दामन पर अक्सर दाग लगते रहता है, जिसे मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर जोर शोर से उछाला जाता है, लेकिन इस सबके बीच कभी कभी पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आता है. इन दिनों दुमका पुलिस द्वारा एक पहल शुरू की गई है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.
आदिम जनजाति पहाड़िया छात्रावास में किया गया करियर काउंसिलिंग
झारखंड में पहाड़िया आदिम जनजाति विलुप्तप्राय आदिम जनजाति की श्रेणी में आता है. आदिम जनजाति जीवन के हर क्षेत्र में पिछड़ा माना जाता है. तभी तो इनके संरक्षण के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती है.अब दुमका पुलिस भी पहाड़िया आदिम जनजाति के उत्थान को लेकर संकल्पित नजर आ रही है.पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खेरवार द्वारा ए एन कॉलेज परिसर स्थित आदिम जनजाति पहाड़िया छात्रावास में रहकर अध्ययन करने वाले छात्रों के बीच करियर काउंसिलिंग किया गया.
पढ़ें एसपी ने क्या कहा
एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार दूसरी बार करियर काउंसिलिंग के लिए छात्रावास पहुंचे थे. छात्रों को संबोधित करते हुए एसपी ने कहा कि आपका समाज कहां खड़ा है और आपको पढ़ना कितना जरूरी है. इसे समझने की जरूरत है. पढ़ लिखकर अपना विकास तो करें ही साथ ही समाज को भी आगे लाने में अपना योगदान दें. एसपी ने कहा कि आदिम जनजाति को आगे लाने के लिए सरकार तो प्रयास कर ही रही है, हमारा भी कर्तव्य है कि अपनी ड्यूटी के साथ हम सामाजिक दायित्व को समझें और इनका उत्थान करें.
एसपी की ओर से इस समाज के बच्चों को किताबें भी दी गई
एसपी द्वारा छात्रों के बीच प्रतियोगिता परीक्षा से संबंधित पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराया गया. साथ ही भविष्य में और भी पुस्तकें उपलब्ध कराने का भरोसा दिया. छात्रों को कहा कि कहीं कोई परेशानी हो या फिर पढ़ाई में अगर किसी जरूरत की पूर्ति नहीं हो पा रही हो तो सीधा आकर संपर्क कर सकते हैं. एसपी की बातों से छात्र काफी लाभान्वित हुए.
पुलिस के इस पहल की हर तरफ लोग तारीफ कर रहे है
कहा जाता है कि पुलिस शब्द पुरुषार्थी, लिप्सा रहित और सहयोगी शब्द से मिलकर बना है. यहां पुलिस कप्तान ही सहयोगी की भूमिका में नजर आ रहे हैं. दुमका के पहाड़िया समाज के युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर ऊंचे पदों पर पहुंचे, अच्छा मुकाम हासिल करे, समाज मे इनका भी नाम हो इसका बीड़ा एसपी पीताम्बर सिंह खेरवार ने उठाया है. तभी तो एसपी के उस पहल की हर तरफ तारीफ हो रही है.
रिपोर्ट-पंचम झा