Tnp desk:-बिहार में महापर्व छठ को लेकर दुर्गापूजा से पहले से ही लोग ट्रेन की टिकट ले लेना चाहते हैं. क्योंकि महापर्व के वक्त ट्रेन में टिकट मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है. रेलवे को अतिरिक्त कोच का इंतजाम तक करना पड़ता है. सूर्य देवता के पर्व छठ की इतनी महत्ता और श्रद्धा होती है कि दिल्ली, मुंबई, गुजरात, पंजाब, चेन्नई जैसे दूसरे राज्यों में रहने वाले बिहार के लोग टिकट पहले ही बुक ट्रेन में कर लेते हैं.
अभी से ही अधिकांश ट्रेने फुल हैं
दूर दराज या दूसरे राज्यों में रहने वाले लोग छठ को लेकर बेहद ही संजीदा रहते हैं. वे ट्रेनों में टिकट पहले ही अपने परिवार का बुक कर लेना चाहते है. ताकि किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. इस बार भी बिहार की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेन की सीटे दुर्गापूजा के पहले ही फुल हो गयी है. जबकि, दिपावाली के बाद छठ का महापर्व आता है. सूर्य उपासना के इस पर्व की इतनी महत्ता है कि बिहार में खासकर लोग बेहद ही आस्था औऱ श्रद्धा इसमे रखते हैं.
अभी से ही ट्रेनों में सीट फुल
16 नवंबर से ही ट्रेनों में सीटें नहीं मिल रही हैं, केवल वंदे भारत और जनशताब्दी में सीटें उपलब्ध हैं, लेकिन अन्य सभी ट्रेनों में सीटें नहीं है. रांची रेल मंडल की ओर से सिर्फ जयनगर और गोरखपुर के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है, जबकि छठ में भी स्पेशल ट्रेनों की मांग बढ़ जाती है. हालांकि, रेलवे ने दावा किया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए मुख्यालय से स्पेशल ट्रेन का प्रस्ताव समय-समय पर भेजा जाता है. अभी जरूरत जयनगर और गोरखपुर एक्सप्रेस की है. इसलिए इसका प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है
भीड़ बढ़ने पर अतिरिक्त कोच का इंतजाम
रांची रेल मंडल के सीपीआरओ निशांत कुमार ने छठ में यात्रियों की बढ़ती संख्या पर अपनी राय रखी . उन्होंने बताया कि रांची रेल मंडल से खुलने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर अतिरिक्त कोच लगाया जाता है. इस बार भी लगाया जाएगा, क्योंकि ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाकर यात्रियों को सीट मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी.
रांची से चलने वाली पाटलिपुत्रा एक्सप्रेस, कोसी सुपर एक्सप्रेस, हटिया इस्लामपुर एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों के यही हाल हैं. हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस में 16 और 17 नवंबर को सीट खाली नहीं है, जबकि 18 नवंबर को कुछ सीटें खाली जरूर हैं, लेकिन वह भी जल्द फुल हो जाएंगी.