देवघर(DEOGHAR):समग्र शिक्षा अभियान के तहत राज्य सरकार ने 5 से 18 वर्ष तक के आयु वर्ग के ड्रॉप आउट बच्चों को फिर से स्कूलों में दाखिला करवाने का फैसला लिया है. इसके तहत सभी जिला में एक अभियान चलाकर सभी की सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. देवघर जिला में आज 19 जून से इसकी शुरुआत की गई है. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने जिलास्तरीय अभियान को शुरू कर ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल में शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए राजनीतिक,प्रशासनिक, सामाजिक,एनजीओ के लोगों से अपनी अपनी भागीदारी ईमानदारी पूर्वक निभाने का आग्रह किया है.
इच्छाशक्ति की कमी और कुछ खामिया के कारण ड्रॉप आउट हुए बच्चे- बादल
देवघर जिला स्तरीय स्कूल की ओर से 2023(back to school campaign) अभियान का आज झारखंड के मंत्री बादल पत्रलेख ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुरुआत की. इस कार्यक्रम में डीडीसी,शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, पंचायत जनप्रतिनिधि सहित सामाजिक लोग मौजूद रहे. मंत्री ने कहा कि कुछ खामिया और इच्छाशक्ति की कमी की वजह से बच्चों का स्कूल से मोह भंग हुआ है. अब ऐसे 5 से 18 बच्चों को चिन्हित कर लिया गया है. जिन्होंने स्कूल को छोड़ा है. मंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चो को फिर से स्कूल में उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए समाज को जागरूक होना पड़ेगा. आज इसकी शुरुआत की गई है.
आगामी 21 जून से प्रखंड स्तर पर व्यापक अभियान चलाकर चिन्हित ड्रॉप आउट का फिर से स्कूलों में उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाएगी. मंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार की मंशा सबको शिक्षा,सबको हुनरमंद बनाना और झारखंड को आगे बढ़ाना है. स्कूलों में बच्चें के अनुरूप चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या फिर कला या खेल का क्षेत्र हो सभी बच्चो को उनके हुनर के अनुसार विकसित किया जाएगा.
ड्रॉप आउट बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित में देवघर बनेगा टॉप-बादल
राज्य भर में 53247 ड्रॉप आउट बच्चों को चिन्हित किया गया है. इनमें 10468 दुमका जिला के है जो राज्य भर में सर्वाधिक है. वही कोडरमा में 110 बच्चों को चिन्हित किया गया है. देवघर जिला की बात करें तो यहां 2233 स्कूल संचालित है. लेकिन ड्राप आउट बच्चे की बात करें तो जिला में 728 बच्चों को चिन्हित किया गया है. मंत्री ने बताया कि अब राज्य के सभी चिन्हित ड्रॉप आउट बच्चो को सरकार फिर से उन्हें स्कूल से जोड़ेगी. मंत्री ने कहा कि कम उम्र में पलायन, बाल श्रम इत्यादि ड्रॉप आउट की मुख्य समस्या है. ऐसे बच्चो के लिए खासकर बाल श्रम के खिलाफ अब प्रशासन नकेल कसेगा. शिल्पग्राम ऑडिटोरियम में आयोजित इस महत्वपूर्ण विषय मे सिर्फ बादल के अलावा कोई भी विधायक या सांसद नही पहुंचे थे.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा