धनबाद (DHANBAD) : डॉक्टर संजीवा रेड्डी एक बार फिर इंटक के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. 90 साल से अधिक के रेड्डी को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा था कि इस बार उनकी जगह किसी दूसरे को अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब सवाल उठता है कि रेड्डी के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद इंटक का विवाद खत्म हो जाएगा या जारी रहेगा. कोलकाता हाई कोर्ट की डबल बेंच के आदेश के खिलाफ इंटक के दुबे और तिवारी गुट ने सुप्रीम कोर्ट में रिट फाइल करने की तैयारी की है. दोनों गुट को उम्मीद थी कि कम से कम इस बार उम्र को देखते हुए ही सही, संजीवा रेड्डी को अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
छत्तीसगढ़ के संजय सिंह को मिली महामंत्री की जिम्मेवारी
दिल्ली में हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहुंचकर अन्य गुटों को कड़ा संदेश देने का प्रयास किया कि गुटबाजी अब नहीं चलेगी. लेकिन लगता नहीं है कि इसका कोई असर हुआ. संजीवा रेड्डी अध्यक्ष बने हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ के संजय सिंह को महामंत्री की जिम्मेवारी मिली है. इंटक के पूर्व महामंत्री रहे राजेंद्र सिंह के पुत्र व झारखंड के चर्चित विधायक जय मंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह को वरीय सचिव बनाया गया है. हालांकि पहले भी वह सचिव थे लेकिन अनूप सिंह के समर्थकों को भरोसा था कि उन्हें ऊंचा पद मिलेगा लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ. राजेंद्र बाबू के निधन के बाद संजीवा रेड्डी ने अपने करीबी संजय सिंह को महामंत्री बनाया था. दोबारा भी संजय सिंह महामंत्री बने हैं. अनूप सिंह के साथ झारखंड के कई और सचिव बने हैं, जिनमें एके झा, ललन चौबे राकेश पांडे आदि के नाम शामिल है.
फेडरेशन की कोर कमेटी की बैठक
अधिवेशन के दूसरे दिन राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन की कोर कमेटी की बैठक भी हुई. फेडरेशन के अध्यक्ष विधायक जय मंगल सिंह है. उन्होंने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट की डबल बेंच के आदेश के बाद अब हर हाल में जेबीसीसीआई की बैठक में इंटक शामिल होगी. कोल इंडिया प्रबंधन को इंटक की ओर से सदस्यों की सूची भेज दी गई है. अब जेबीसीसीआई की होने वाली अगली बैठक में कोयला मजदूरों की समस्याओं को मजबूती से इंटक रख पाएगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि इंटक का विवाद खत्म होता है या और बढ़ता है. विवाद के कारण ही इंटक धीरे-धीरे ही सही, अपनी ताकत खोती जा रही है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद