Kolkata: कोलकाता में आयोजित अखिल भारतीय नेत्र सोसाइटी के 82वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में झारखंड के मशहूर नेत्र चिकित्सक डॉ. बी.पी. कश्यप को विट्रियो - रेटिना के क्षेत्र में FAICO की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया. यह सम्मान रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान के सेक्रेटरी स्वामी नित्याकामानंदा के द्वारा दिया गया. आपको बता दें यह मानद उपाधि देश के गिने चुने विट्रियो - रेटिना सर्जन्स को उनके रेटिना के क्षेत्र में किए गए कामों के सम्मान के लिए दी जाती है.
झारखंड में डॉ. बी.पी कश्यप ने शुरु किया था पहली बार रेटिना ट्रीटमेंट
नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. बी.पी कश्यप झारखंड में एक जाने माने नाम है. उनका तजुर्बा और लंबा समय इस क्षेत्र में दिया है. मालूम हो कि 1984 में डॉ. बी.पी. कश्यप ने झारखंड (तब बिहार) में पहली बार रेटिना ट्रीटमेंट की शुरुआत की थी. उस समय वह समूचे बिहार के इकलौते रेटिना सर्जन थे. इतना ही नहीं 1984 से लेकर 2004 तक, वे झारखंड और बिहार के इकलौते रेटिना सर्जन भी रहे. आज जल, जंगल और जमीन के प्रदेश झारखंड में रेटिना के क्षेत्र में जितनी भी नई तकनीके, मशीनें, ट्रीटमेंट पद्धति, रिसर्च, प्रशिक्षण इत्यादी मौजूद हैं, झारखंड में सबको लाने का श्रेय, सिर्फ डॉ. बीपी कश्यप को जाता है.
नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में झारखंड का नाम किया रौशन
खासकर ,2003 में प्रीमैच्योर बच्चों के आंखों के रेटिना का इलाज शुरू करना, 2009 में रेटिना के सर्जरी की दुनिया की सबसे आधुनिक कॉन्स्टेलशन मशीन को लाना, रेटिना के इलाज हेतु इंट्राविट्रियल इंजेक्शन की 2006 में शुरुआत करना, रेटिना के इलाज की सबसे आधुनिक मशीन, और अभी तक की झारखंड की एकमात्र इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मशीन 2018 में लाना, 2021 में रेटिना के दवाइयों का झारखंड में पहला और अब तक का पहला क्लिनिकल ट्रायल शुरू करना, 2022 में झारखंड का पहला और एकमात्र रेटिना का राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण सुविधा की शुरू करना शामिल है.
डॉ. कश्यप के राष्ट्रीय स्तर पर इस मानद उपाधि एक बड़ी कामयाबी है. इससे झारखंड का नाम देश भर में नेत्र स्वास्थय के क्षेत्र में उभर कर सामने आया है.