धनबाद(DHANBAD) : जो भी, एक बार धनबाद आया होगा, वह धनबाद-हावड़ा के बीच चलने वाली कोलफील्ड एक्सप्रेस का नाम जरुर सुना होगा. यह ट्रेन धनबाद की "लाइफ लाइन" कही जाती है. इस ट्रेन पर धनबाद का कारोबार निर्भर करता है. यही ट्रेन वह माध्यम है जो कोलकाता से धनबाद के बाजार को जोड़ती है. इस ट्रेन से डेली पैसेंजर प्रतिदिन कोलकाता जाते हैं और फिर शाम को इसी ट्रेन से खरीदारी के बाद सामान लेकर धनबाद लौटते है. इस ट्रेन पर डेली पैसेंजरो का कब्जा भी रहता है. बावजूद यह ट्रेन लोगों के लिए सुविधाजनक होती है.
धनबाद का बाजार निर्भर करता है इस ट्रेन पर
इस ट्रेन में भीड़ भी बहुत रहती है. लेकिन फिलहाल रेलवे के एक कार्रवाई से यात्री नाराज चल रहे है. नाराजगी की वजह है कि आधे दर्जन बोगियों में सीटों के ऊपर पहले लगे बंकरों को हटा दिया गया है. इस वजह से ट्रेन में बैठने वालों को भारी असुविधा हो रही है. त्योहारी सीजन में यात्री संख्या में बेतहाशा वृद्धि की वजह से यह समस्या और बड़ी हो गई है. धनबाद से हावड़ा के बीच स्थित कुमार धुबी, बराकर, कुल्टी, सीतारामपुर, आसनसोल, रानीगंज, अंडाल, वरिया, दुर्गापुर, पानागढ़ जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों से प्रतिदिन हजारों-हजार यात्री इस ट्रेन से यात्रा करते है.
यात्रियों को सामान रखने में हो रही परेशानी
यह ट्रेन इन इलाकों के लोगों के लिए परिवहन का एक मुख्य साधन है. बंकरो के हट जाने से ट्रेन में सीटों के ऊपर सामान रखने की जगह खत्म हो गई है. इस वजह से यात्री अपने सामान के साथ परेशानी में बैठने को विवश है. डेली पैसेंजर, जो नियमित इस ट्रेन से यात्रा करते है. उनका कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से ट्रेन में बंकरो का होना आरामदायक विकल्प था. क्योंकि इससे न केवल अतिरिक्त सामान रखने की जगह मिलती थी, बल्कि कुछ यात्रियों को ऊपर बंकरों पर बैठने की भी सुविधा मिल जाती थी. इस ट्रेन में भारी भीड़ होती है. यात्रियों की मांग है कि फिर से कोलफील्ड एक्सप्रेस में बंकरो को लगाया जाए. देखना है आगे-आगे होता है क्या?
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो