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डोम्बारी नरसंहार: जब आदिवासियों के खून से लाल हुई थी पहाड़ी, जानिए पूरी कहानी

डोम्बारी नरसंहार: जब आदिवासियों के खून से लाल हुई थी पहाड़ी, जानिए पूरी कहानी

खुंटी(KHUNTI): झारखंड बलिदानियों की धरती भी कही जाती है,यहां अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सबसे पहले आदिवासियों ने बिगुल फूंका था. आज हम बात डोम्बारी बुरु की करेंगे. डोम्बारी में नौ जनवरी 1899 में आदिवासियों के खून से  पहाड़ी लाल हुई थी. अंग्रेजी हुकूमत आदिवासियों पर अत्याचार कर रहे थे. उने साथ जानवरों के जैसा व्यवहार किया करते थे. अग्रेजों के बढ़ते अत्याचार के खिलाफ कोई भी फन उठाने की हिमाकत नहीं करता था. अंग्रेज कुर्रे हरकत करते थे जिससे कोई भी उनके खिलाफ लड़ाई को तैयार नहीं थे. तब भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों खिलाफ उलगुलान की शुरुआत की थी. इस उलगुलान में हजारों आदिवासी की जान गई थी.

बात 9 जनवरी 1899 की है,जब अंग्रेजों के खिलाफ बिरसा मुंडा अपने अनुयायियों के साथ  सभा कर रहे थे. उस सभा की जानकारी अंग्रेजी हुकूमत को मिल गयी थी. अंग्रेजी हुकूमत की सैनिक वहां पहुँची. पहुंचने के साथ ही पहाड़ियों को घेर कर निहत्थे आदिवासी पर गोली बरसायी थी. इस गोली कांड में बताया जाता है कि 400 आदिवासियों की जान चली गयी थी. आज भी हर वर्ष 9 जनवरी की डोम्बारी में मेला का आयोजन किया जाता है,यहां पहुंच कर लोग उस वक्त की याद ताज़ा करते है. कैसे आदिवासियों पर गोलियां बरसायी गयी थी. आदिवासियों के बलिदान की याद में डोम्बारी में एक 105 फीट ऊंचा स्तंभ बनाया गया है. लोग इसे जलियां वाला  बाग भी कहते हैं. जलियांवाला बाग के बारे में तो पूरा देश जानता है. लेकिन झारखंड के डोम्बारी बुरु के बारे में अधिकांश लोग नहीं जानते हैं.

डोम्बारी बुरु स्तंभ पर श्रद्धांजलि देने पहुंचे  कृष्णा मुंडा बताते हैं कि डोम्बारी के बारे उन्हें उनके पूर्वजों से जानकारी मिली थी. उसके बाद से हर वर्ष वह यहां  पहुंचते हैं. कृष्णा ने कहा कि सभी किताबों में इस इतिहास को बताने की जरूरत है. इसके अलावा सुखराम मुंडा बताते हैं कि 1899 में सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान की गई थी. इसी की रणनीति बनाने के दौरान निहत्थे आदिवासी पर गोली चलाई गई थी. आदिवासियों के खून से पहाड़ लाल हो गई थी. लेकिन इसके बाद आंदोलन रुका नहीं. अपने 400 साथियों के शहादत का गुस्सा बिरसा मुंडा और उसके साथियों के लिए हथियार बन गया. इसके बाद और तेजी से आंदोलन को धार दिया गया.

Published at:09 Jan 2023 04:30 PM (IST)
Tags:Dombari buri khuntiBirsa mundaKhunti.Jaliyawala bagRanchiUlihatuMunda vidroh
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