दुमका (DUMKA) : झारखंड के सरकारी अस्पतालों की बदहाली की खबरें समय समय पर सुर्खियां बनती रहती है. रांची के रिम्स हो या उपराजधानी दुमका का फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अक्सर डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया जाता है. हद तो तब हो जाती है जब धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर के साथ भी लोग मार पीट करने लगते हैं. लेकिन इस सब के बीच दुमका के चिकित्सकों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पहली बार कोहनी का सफल प्रतिस्थापन किया गया है. संथाल परगना प्रमंडल के सरकारी अस्पताल का इसे पहला मामला माना जा रहा है.
परिजनों ने जताया चिकित्सक पर भरोसा
दरअसल जिला के मसलिया प्रखंड की रहने वाली सरस्वती देवी एक वर्ष से केहुनी के दर्द से परेशान थी. आर्थिक कारणों से बाहर जाकर इलाज कराने में सक्षम नहीं थी. थक हार कर परिजन उसे 6 दिसंबर को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अस्थि रोग विभाग में भर्ती कराया. प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि कोहनी में चोट लगने के कारण कोहनी घिस गया है. चिकित्सा जगत में इसे Osteoarthritis कहा जाता है. कोहनी का सफल प्रतिस्थापन ही इसका उपचार है. डॉक्टर ने परिजन को पूरी जानकारी दी. मरीज और उसके परिजनों ने फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक पर भरोसा जताया.
केहुनी का किया गया सफल प्रतिस्थापन
फूलो झानो मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो विभाग के सहायक प्राध्यापक सह विभागाध्यक्ष डॉ शशि के सुमन के नेतृत्व में मरीज के दाएं हाथ के केहुनी का सफल प्रतिस्थापन किया गया. कोहनी के सफल प्रतिस्थापन में डॉ अंकित भालोटिया, डॉ अतिप्रिया, ओटी स्टाफ सुनील, अनु, रूबी, कामेश आदि मौजूद रहे. कोहनी के सफल प्रतिस्थापन पर मरीज और उनके परिजनों ने पूरी टीम का शुक्रिया अदा किया.