टीएनपी डेस्क(Tnp desk):- समाजिक सुरक्षा के तहत हर महीने पेंशन सरकार की तरफ से दी जाती है. लेकिन, इसमे भी जालसाजी करने से जालसाज बाज नहीं आते. एक सिंडिकेट के तहत हेराफेरी और सांठगांठ के चलते हर माहीने पेंशन उठा लेते हैं. झारखंड में ऐसे कई अनियमिता सामने आई, जो सीएजी की ऑडिट के दौरान पकड़ायी.
क्या-क्या गड़बड़झाला मिला
सीएजी की ऑडिट में ये बात सामने आई की राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली पेंशन के रिकॉर्ड प्रखंडों से गायब है. उन व्यक्तियों को पेंशन दिया गया, जो इसके काबिल नहीं थे. इसके साथ ही मृतक के नाम पर भी हर महीने पेंशन की राशि निकाली गई. नियम के खिलाफ जाकर राज्य के 140 लोगों को गलत तरीके से एक से अधिक पेंशन योजनाओं के तहत राशि प्रदान की गई. उम्र की पात्रता नहीं होने पर भी वृद्धवस्था पेंशन बांटी गई.
प्रखंडों में अनियमितता
सीएजी की तरफ से की गई नमूना जांच में कांके, मेदनीनगर और चैनपुर प्रखंड में 219-20 के पहले पेंशन योजनाओं के अधिकांश आवेदन प्रखंडों में गायब पाये गये. इधर बेरो,पोड़ैयाहाट, गोड्डा सदर, गोलमुरी, जुगलसलाई,पोटका,हंटरगंज,चतरा सदर, इचाक व हजारीबाग सदर प्रखंड में साल 2019-20 से पहले के पेंशन रिकॉर्ड की आंशिक उपलब्धता पायी गई. यहां ये बात सामने आई कि पेंशन रिकॉर्ड अनुचित क्रम में पाये गये थे. जिससे जांच के लिए आवेदनों को छांटा नहीं जा सका.
मृतक के नाम पर बांटी गई पेंशन
अनियमिता का आलम ये दिखा कि मृतक के नाम पर भी पेंशन उठाया गया. पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड में मृत व्यक्तियों के नाम पर साढ़े आठ लाख रुपए पेंशन बांटा गया. हद तो तब हो गयी कि जिम्मेदार अधिकारी से इस राशि की वसूली के लिए कोई कार्रवाई भी नहीं की गई. पोड़ेयाहाट, गोड्डा सदर और पोटका में न्यूनतम आय़ु का मानदंड पूरा नहीं करने वाले 55 लाभार्थियों को 31.69 लाख रुपए वृद्धा पेंशन के तौर पर दिए गए.
कई योजनाओं से ले रहे थे पेंशन
नियम के मुताबिक किसी भी लभार्थी को किसी एक ही योजना के तहत पेंशन दिया जाना है. लेकिन, नाम, पिता या पति का नाम,बैंक खाता, पता और आधार के अंतिम चार अंकों के डाटाबेस से ये जनकारी मिली की प्रदेश के 140 लोग कई योजनाओं से पेंशन की राशि ले रहे हैं. पोड़ेयाहाट और गोड्डा के 16 लोगों को दो या दो से अधिक योजनाओं में पेंशन मिल रही थी. उनको 3.15 लाख रुपए की अस्वीकार्य पेंशन का भुगतान किया गया.