रांची(RANCHI): झारखंड में नई सरकार के गठन के साथ ही मंत्री मंडल को लेकर बैठक शुरू है. झामुमो की सहयोगी कांग्रेस मंथन करने में जुटा है. आखिर किसे मंत्रिमंडल में जगह दी जाए. इसे लेकर कई बैठक अलग-अलग स्थान पर की गई है. पहली बैठक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में और दूसरी रांची के एक निजी होटल में हुई है. बैठक में सभी नव निर्वाचित विधायक के साथ-साथ पर्यवेक्षक और प्रभारी भी मौजूद रहें. कांग्रेस जातिगत समीकरण को साधते हुए मंत्री मंडल में शामिल करने की घोषणा कर सकती है.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और ओबीसी के साथ अपर कास्ट से मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. कांग्रेस की ओर से कई नाम केन्द्रीय नेतृत्व को भेजे गए है. जिसे लेकर प्रदेश नेतृत्व से फीडबैक लिया गया है. कांग्रेस की कोशिश है कि ऐसे विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिले जिससे संगठन में किसी तरह से कोई विरोध ना हो. सभी जाति के नेता और जनता खुश रहे. जिसका फायदा संगठन को मिल सके. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों के कार्यकाल को भी ध्यान में रखा जा रहा है.
अगर देखें तो पलामू प्रमंडल में एक विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. इसमें मनिका के रामचन्द्र सिंह की चर्चा है. रामचन्द्र सिंह की बात करें तो यह अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते है. साथ ही सीनियर विधायक में शामिल है. पिछले कार्यकाल के दौरान रामचन्द्र को विधानसभा से उत्कृष्ट विधायक चुना गया था. साथ ही संगठन में इनकी भूमिका बड़ी है. काफी सक्रिय रहते है सभी को साथ लेकर चलने का काम करते है. जिसका नतीजा है कि विधानसभा चुनाव में फिर से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे है.
इनके अलावा अपर जाति से अनूप सिंह या दीपिका पांडे सिंह को भी जगह देने पर चर्चा चल रही है. अनूप सिंह लगातार दूसरी बार विधानसभा पहुंचे है. इसके साथ ही संगठन में काफी सक्रिय रहते है. इनके अलावा दीपिका पांडे सिंह है. दीपिका भी दूसरी बार विधानसभा पहुंची है. इनके काम को देखें तो संगठन में यूथ कांग्रेस के समय से खूब सक्रिय भूमिका में दिखती है. इसी का परिणाम है कि पिछले चुनाव में जीत कर विधायक बनी और फिर मंत्री बनाई गई. अब दोबारा से इनके रिपिट होने की संभावना है. ऐसे में दोनों विधायक में से किसे मौका दिया जाता है यह कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व अंतिम फैसला लेगा.
इस बार ओबीसी जाति से आने वाली रामगढ़ विधायक ममता देवी के नाम पर भी चर्चा है. देखें तो मामला देवी 2019 में विधायक बनीं, लेकिन एक मामले में कोर्ट ने सजा सुनाया और फिर उनकी विधायकी चली गई. उपचुनाव हुआ और उपचुनाव में कांग्रेस के हाथ से सीट नहीं गई. जिसके बाद दोबारा से 2024 के चुनाव में ममता चुनाव लड़ी तो जनता ने ममता को जीता कर विधानसभा भेजने का काम किया. अब इन्हे बड़ी जिम्मेवारी दी जा सकती है.
इसके अलावा अनुसूचित जनजाति से आने वाले रामेश्वर उरांव और शिल्पी नेहा तिर्की के नाम की चर्चा है. कांग्रेस अलाकामन इन नामों में से किसी एक पर मुहर लगा सकते हैं. अगर रामेश्वर उरांव को उम्र के कारण ड्रॉप किया जाता है तो शिल्पी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. हालांकि सभी नाम संभावित है. यह दो दिनों में साफ होगा की किसके नाम पर मुहर लगी है.