धनबाद(DHANBAD): रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को झारखंड आए, चतरा गए फिर रांची में कलस्टर मीटिंग को संबोधित किया. चुनाव जीतने का मंत्र दिया. साथ ही कह गए की टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ता निराश नहीं हो. उन्होंने इसके कई उदाहरण दिए. कई टिप्स भी दिए. अब सवाल यही से उठता है कि आखिर झारखंड में दो सीट होल्ड पर रहने के बाद रक्षा मंत्री ने ऐसा क्यों कहा? क्या अब तक जो 11 सीटों पर उम्मीदवारों का चयन हुआ है, उसको लेकर आला कमान को कुछ मरमरिंग की सूचना है.
जानिए राजनाथ सिंह ने कार्यकर्ताओं को क्या दिया संदेश
धनबाद के एक भाजपा नेता के अनुसार राजनाथ सिंह ने चार संदेश देकर कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जिसने गांव में काम करने वाले कार्यकर्ता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. उन्होंने आगे कहा कि कभी जमीनी कार्यकर्ता को टिकट नहीं मिलता, लेकिन इसे निराश नहीं होना चाहिए. मांगने पर कई बार कुछ नहीं मिलता. उन्होंने इसके लिए अपना उदाहरण भी दिया. यह भी कहा कि भाजपा अकेली पार्टी है ,जिसकी अपनी विचारधारा है. अटल बिहारी वाजपेई कहा करते थे कि टूटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता. अपना मन को टूटने नहीं देना है.
कार्यकर्ताओं में नए ढंग से उत्साह भरने की कोशिश
राजनाथ सिंह ने कई नेताओं की प्रशंसा भी की. राजनाथ सिंह ने कार्यकर्ताओं से यह भी आह्वान किया कि लाभार्थियों को कहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणाम भेजा है .यह कहते ही लाभार्थियों के मन में यह बात छू जाएगी. उन्होंने 370 हटाने का भी जिक्र किया. संभवत यह सब चतरा के कार्यक्रम में जो दृश्य उपस्थित हुए, उसके बाद राजनाथ सिंह को यह सब बातें कहनी पड़ी.चतरा में सांसद सुनील सिंह जैसे ही बोलने पहुंचे तो उनका विरोध शुरू हो गया .विरोध के दौरान सांसद सुनील सिंह ने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता हूं. कार्यकर्ता रहूंगा, पार्टी टिकट दे या ना दे, पार्टी का जो निर्णय होगा, वह मेरे लिए सर्व मान्य होगा. मतलब साफ है कि छात्र को लगता है इसके बाद ही राजनाथ सिंह ने नए ढंग से कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश की. चतरा सीट को लेकर कार्यकर्ताओं में जो नाराजगी थी, इसका अंदेशा आला कमान को था और शायद इसीलिए राजनाथ सिंह को चतरा भेजा गया. चतरा के बहाने ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को समझाने बुझाने की कोशिश की. यह अलग सवाल है कि कार्यकर्ता कितने समझे और कितना इस पर अमल करेंगे. यह बात तो तय है कि राजनाथ सिंह के झारखंड दौरे को कार्यकर्ताओं में नए ढंग से उत्साह भरने के नजरिए से देखा जा रहा है. जो भी हो लेकिन राजनाथ सिंह का यह दौरा धनबाद और चतरा लोकसभा सीट के उम्मीदवारों की घोषणा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
12 सीटों पर जीतना या फिर सभी लोकसभा सीटों पर विजय पताका लहराना बड़ी चुनौती
धनबाद में तो स्थिति यह हो गई है कि उम्मीदवारी को लेकर भाजपा नेताओं में कटुता बढ़ती जा रही है. बड़े नेता तो चुप हैं और पार्टी के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन उनके समर्थक सोशल मीडिया पर या चौक चौराहे पर कुछ ना कुछ कह रहे हैं. धनबाद से भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ने वालों की एक लंबी सूची है. इनमें से तो कई ऐसे हैं ,जो वर्तमान सांसद पशुपतिनाथ सिंह की छत्रछाया में रहकर राजनीति सीखे हैं .लेकिन आज वह भी चाहते हैं कि उनको लोकसभा का टिकट मिल जाए. जितना अधिक विलंब हो रहा है कटुता बढ़ रही है .यह अलग बात है कि झारखंड भी भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. 12 सीट बीजेपी और उसके गठबंधन के पास है. इन 12 सीटों पर जीतना या फिर सभी लोकसभा सीटों पर विजय पताका लहराना भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के लिए भी बड़ी चुनौती है. देखना है राजनाथ सिंह के दौरे के बाद क्या स्थिति बनती है? कार्यकर्ता कितने उत्साहित होते हैं? चतरा से किसके नाम की घोषणा होती है? धनबाद से कौन लोकसभा का चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ता है?
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो