धनबाद(DHANBAD): धनबाद की झरिया का लोदना इलाका .शुक्रवार को अधिकारियों की टीम जब इलाके में पहुंची तो दंग रह गई .बारिश के बीच जांच शुरू हुई .एनजीटी सहित 4 विभागों की टीम ने इलाके का 4 से 5 घंटे तक निरीक्षण किया. अवैध खनन के लिए सक्रिय कुछ अवैध खदानों को देखकर अधिकारी दंग रह गए. बीसीसीएल के अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारी भी जांच टीम में शामिल थे. जिन क्षेत्रों का निरीक्षण हुआ, उनमें लक्ष्मी कोलियरी, सेंट्रल सुरूंगा, पहाड़ीगोड़ा आदि क्षेत्र शामिल थे. अधिकारियों की टीम को लगभग 40 से अधिक अवैध कोयला खदान की मुहाने मिले. कुछ तो स्थान ऐसे मिले ,जो कुआं के आकार के थे और उनमें रस्सी टंगी हुई थी.
पानी के कुओं की तरह जाँच टीम को मिला कु आ
मतलब अंदर जाकर लोग कोयला काटते होंगे. अधिकारियों की टीम ने संबंधित थाने के पुलिस अधिकारियों से भी पूछताछ की .इलाके में अवैध खनन से परेशान लोग गुप्त रूप से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय एवं एनजीटी से शिकायत की थी. सबूत भी दिए थे. इलाके के हालात पर भी चर्चा की थी .उसके बाद यह टीम शुक्रवार को धनबाद पहुंची और जांच पड़ताल की. यह तो हुई एक क्षेत्र की बात. धनबाद कोयलांचल में इस तरह अवैध उत्खनन लगातार हो रहे हैं .लोग मर रहे हैं. घटनाएं हो रही हैं लेकिन अवैध उत्खनन करने और कराने वालों का धंधा कभी रुकता नहीं है.
केंद्रीय कोयला मंत्री के पास भी उठा था मामला
अवैध खनन करने और कराने वाले सिंडिकेट बनाकर काम करते हैं और डंके की चोट पर करते हैं. अभी हाल ही में केंद्रीय कोयला मंत्री धनबाद आए थे .उनके सामने भी धनबाद के जनप्रतिनिधियों ने यह मामला उठाया था. केंद्रीय कोयला मंत्री ने कहा था कि कोयला कंपनियां जो कर सकती हैं, कर रही हैं और आगे भी करेंगी लेकिन कोयला चोरी रोकना पूरी तरह से राज्य सरकार की जिम्मेवारी है .लॉ ऑर्डर कोयला कंपनियों के पास नहीं है, वह तो राज्य सरकार के पास ही है. जबकि राज्य सरकार मानती है कि कोयला चोरी रोकना संबंधित कोयला कंपनियों का काम है, क्योंकि यह तो उनकी ही संपत्ति है. बहर हाल जिम्मेवारी चाहे जिसकी भी हो, इसकी चर्चा बराबर होती है, लेकिन कोयला चोरी रुकती नहीं है. देखना है शुक्रवार को निरीक्षण के बाद क्या कुछ परिवर्तन आता है या सब कुछ पुराने ढर्रे पर ही चलता रहता है.
एनजीटी को की गई शिकायत की हुई जाँच
इधर, धनबाद उपायुक्त ने कहा कि एनजीटी को शिकायत मिली थी कि इन क्षेत्रों में अवैध माइनिंग हो रही है. नम्बर माह मे अवैध उत्खनन के दौरान घटना घटने का भी जिक्र किया गया था. हालांकि शिकायत कर्ता किसी कारण वश आज उपस्थित नही हो पाए. शिकायत के आलोक में ही चार सदस्य टीम गठित की गई थी. जिसमें डिप्टी कमिश्नर धनबाद, मिनिस्टर ऑफ एनवायरमेंटल फॉरेस्ट के साइंटिस्ट, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट एवं स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सीनियर साइंटिस्ट को शामिल किया गया था.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो