धनबाद(DHANBAD): 9 दिसंबर 1926 को धनबाद में स्थापित आईएस एम अपना शताब्दी वर्ष मनाने की दहलीज पर खड़ा है. यह बात अलग है कि उसे अब आईआईटी का टैग मिल गया है. अब यह आई आई टी आई एस एम के नाम से विख्यात हो चला है. इस शताब्दी वर्ष के लिए मैनेजमेंट ने 100 वर्ष ,100 करोड़ रुपए का नारा दिया है. 100 करोड़ रुपए दान के रुप में पूर्ववर्ती छात्रों से लेने की योजना है. पूर्वर्ती छात्र भी इसमें दिल खोलकर हिस्सा ले रहे हैं. यहां से निकले छात्र देश विदेश में फैले हुए हैं और वहां से ही संस्थान के प्रति सहानुभूति जता रहे हैं.
पूर्ववर्ती छात्र महेंद्र सिंह गुलाटी ने संस्थान को दान में दिया ₹10 करोड़
इधर आई एसएम के वर्ष 1962 बैच के पैट्रोलियम इंजीनियरिंग के पूर्ववर्ती छात्र महेंद्र सिंह गुलाटी ने संस्थान को ₹10 करोड़ दान में दिया है. इस राशि से संस्थान में प्रस्तावित सेंचुरी बिल्डिंग में मल्टीपरपज कन्वेंशन हॉल का निर्माण होगा. शताब्दी वर्ष में संस्थान में समारोह आयोजित करने की तैयारी है .दान देने वालों के नाम अंकित करने के लिए भी वर्गीकरण किया गया है. दो करोड़ रुपए दान देने पर प्रस्तावित सेंचुरी बिल्डिंग के 4 क्लास रूम में नामकरण होगा.
5 करोड़ देने पर तीन सेमिनार हॉल में नाम, ₹10 करोड़ पर कॉन्फ्रेंस हॉल में नाम, ₹15 करोड़ देने पर हॉल ऑफ फेस का नामकरण, 30 करोड़ पर ऑडिटोरियम का नामकरण दान देने वाले के नाम से होगा. गुलाटी के ₹10 करोड़ देने के बाद मल्टीपरपज कन्वेंशन हॉल का नाम उनके नाम किया जाएगा. जिसमें 600 लोगों को बैठने की क्षमता होगी. इसके पहले भी छात्रों ने दान की राशि दी है. धनबाद का यह संस्थान अपनी तरह का अकेला संस्थान है .यहां से निकले छात्र सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी डंका बजाते रहे हैं.
जानिए क्यों दिया 100 वर्ष 100 करोड़ रुपए का नारा
यह बात अलग है कि धनबाद में आईआईटी खोलने की बात हुई तो सरकार ने आईएस एम को ही आईआईटी का टैग दे दिया. यह अलग बात है कि आईआईटी के लिए लंबा आंदोलन चला. धनबाद से लेकर दिल्ली की सड़कों तक आंदोलन की गूंज सुनाई दी. उसके बाद इसे आईआईटी का टैग दे दिया गया. आईआईटी का टैग मिलने के बाद संस्थान की प्रतिष्ठा, शिक्षकों की प्रतिष्ठा और छात्रों को भी बड़ा फलक मिला है. अब जब संस्थान अपना एक 100 साल पूरा करने जा रहा है ,तो ऐसे में संस्थान की प्रगति में फंड की कमी बाधक नहीं बने, इसके लिए मैनेजमेंट ने 100 वर्ष 100 करोड़ रुपए का नारा दिया है. इस नारे में संस्थान को लगातार सफलता मिल रही है.