धनबाद(DHANBAD): धनबाद का बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय अभी चलना शुरू ही किया था कि विवादों में फंस गया है. राज्यपाल सह कुलाधिपति ने यहां चल रही कथित गड़बड़ियों में हस्तक्षेप किया है. जल्द ही संभावना है कि उच्च स्तरीय जांच टीम धनबाद आ सकती है, जो विश्वविद्यालय की अब तक की गतिविधियों ,कथित फाइनेंसियल गड़बड़ियों ,ट्रांसफर पोस्टिंग सिस्टम की जांच करेगी.
स्पॉन्सर एंड डेवलपमेंट फंड के खाते को तत्काल प्रभाव से बंद कराने का निर्देश
इस बीच यह जानकारी मिल रही है कि कुलाधिपति ने खोले गए स्पॉन्सर एंड डेवलपमेंट फंड के खाते को तत्काल प्रभाव से बंद कराने का निर्देश दिया है. यह खाता यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने बिना किसी के अनुमति के ही खोल लिया था और उसके बाद इसमें एक अनुमान के अनुसार 4 करोड़ रुपए से अधिक जमा कराए गए है. सूचना के मुताबिक विश्वविद्यालय के अधीन चलने वाले 21बीएड कॉलेजों से सात सात लाख इस अकाउंट में जमा कराए गए हैं. इतना ही नहीं बोकारो के 9 अंगी भूत कॉलेजों से भी पैसे जमा कराए गए हैं. बात यहीं नहीं रुकी, प्राचार्य और विभागाध्यक्ष सहित अन्य से भी इस फंड में राशि जमा कराई गई है. इस फंड से क्या, कब और किस मद में कहां खर्च हुआ है, इसका भी ब्यौरा तलब किया गया है.
स्पॉन्सर एंड डेवलपमेंट फंड के लिए अकाउंट खोलने पर कार्रवाई शुरू
मामला खुला एक कॉलेज के प्राचार्य के ट्रांसफर को लेकर. धनबाद के प्रतिष्ठित एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर शर्मिला रानी का स्थानांतरण बीएसके कॉलेज, मैथन कर दिया गया था. डॉक्टर शर्मिला रानी ने इसका विरोध किया और इसकी शिकायत कुलाधिपति से की. इस बीच विश्वविद्यालय मैनेजमेंट ने हड़बड़ी में डॉ अशोक कुमार माजी को प्राचार्य बना दिया और उन्होंने शुक्रवार को स्वतः जाकर प्रभार भी ले लिया. इतना ही नहीं, इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ. एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में दो प्राचार्य काम करने लगे. डॉक्टर शर्मिला रानी ने जाते वक्त चेंबर में अपना ताला लगाया तो उसके बाद डॉक्टर माजी ने भी अपना ताला लगा दिया. लेकिन शुक्रवार की शाम को कुलाधिपति कार्यालय का पत्र आया और डॉक्टर शर्मिला रानी के स्थानांतरण को रद्द कर दिया गया. इसके साथ ही स्पॉन्सर एंड डेवलपमेंट फंड बंद करने के आदेश दिए गए. यह अकाउंट किसकी अनुमति से खोला गया और क्यों खोला गया, इस पर पिछले कई दिनों से चर्चा गर्म थी. लेकिन अब कार्रवाई होनी शुरू हो गई है.
कोयलांचल विश्वविद्यालय तरह-तरह के मामले को लेकर चर्चा में
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के अधीन b.Ed कॉलेज कुछ विधायकों के भी चलते हैं. बावजूद 7, 7 लाख रुपए जमा कराने का कहीं से कोई विरोध नहीं आया. अब जाकर मामला खुला है तो यह विवाद आगे और बढ़ता दिख रहा है. वैसे भी कोयलांचल विश्वविद्यालय तरह-तरह के मामले को लेकर चर्चा में रहा है. कभी 70% से अधिक एक सेमेस्टर के छात्रों को फेल कर दिया जाता है तो कभी कुछ और को लेकर विश्वविद्यालय मैनेजमेंट छात्रों के निशाने पर रहता है. देखना है कि अब कुलाधिपति ने जब मामले में हस्तक्षेप किया है तो और क्या-क्या मामले सामने आते हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
