धनबाद(DHANBAD): लोदना के कुजामा आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट में झरिया विधायक रागिनी सिंह और पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के समर्थक इंच भर भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. इस वजह से वहां 10 दिनों से अधिक समय से आंदोलन चल रहा है. 24 दिसंबर को जबरदस्त फायरिंग भी हुई थी. फिर 29 दिसंबर को भी फायरिंग होने की सूचना है. दरअसल, कुजामा आउटसोर्सिंग परियोजना फिलहाल बंद है .इससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो चुका है. लगभग 72,000 टन कोयले का उत्पादन नहीं हो पाया है. परियोजना के 350 मजदूरों को नो वर्क,नो पे का नोटिस मिला हुआ है. रविवार की शाम प्रोजेक्ट को चालू कराने के लिए जनता श्रमिक संघ (कुंती गुट) और बी सी के यू के लोग प्रोजेक्ट के समीप पहुंच गए .इस दौरान एक राउंड गोली चलाई गई. गोली चलते ही भीड़ तितर बितर हो गई. हालांकि पुलिस गोली चलने की घटना से इनकार कर रही है. दोनों संगठन की ओर से तनाव बना हुआ है.
क्या है मामला
जनता मजदूर संघ( बच्चा गुट) के लोग धरना दे रहे हैं.इस वजह से काम बंद है. प्रोजेक्ट स्थल पर पुलिस की भारी बंदोबस्त है. गोली किसने चलाई, इसका खुलासा नहीं हुआ है. बताया जाता है कि आउटसोर्सिंग परियोजना को चालू करने को लेकर जनता मजदूर संघ (कुंती गुट), बीसीके यू कैंप के समीप धरना शुरू कर दिया है. वही जनता श्रमिक संघ नीचे मैदान में मजदूरों के साथ नो वर्क, नो पे के नोटिस के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है. मजदूरों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट में 350 मजदूर काम करते हैं. लेकिन जनता मजदूर संघ (बच्चा गुट ) ने धरना देकर काम बंद करा दिया है. इसको अब मजदूर बर्दाश्त नहीं करेंगे. मजदूर अब आर पार की लड़ाई लड़ेंगे.
24 दिसंबर को मैन्युअल लोडिंग चालू करने और बंद करने को लेकर हुई थी फायरिंग
बता दें कि 24 दिसंबर को मैन्युअल लोडिंग चालू करने और बंद करने को लेकर आउटसोर्सिंग परियोजना में कई चक्र गोली चली थी. पुलिस ने 16 खोखा बरामद किया था. दोनों तरफ से थाना में एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.
झरिया में चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार आंदोलन शुरू
इधर, आउटसोर्सिंग परियोजना में गोली चलने की चर्चा के बाद जनता मजदूर संघ (बच्चा गुट) के समर्थकों ने कहा है कि रविवार को गोली चलने की घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि झरिया विधायक के लोग गुंडागर्दी पर उतर आए हैं. आउटसोर्सिंग चालू करने के लिए रविवार की शाम गोलीबारी तक कर दी गई. हालांकि पुलिस कह रही है कि गोली चलने की बात पूरी तरह से बे बुनियाद है. पुलिस बल प्रोजेक्ट के आसपास मौजूद है .किसी ने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी. बता दें कि झरिया में चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार आंदोलन शुरू हुआ है और यह आंदोलन तीखा है. दोनों संगठन अपनी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो