धनबाद(DHANBAD): धनबाद के बीसीसीएल टाउनशिप में पदस्थापित उप डाकपाल प्रभात रंजन फिलहाल सीबीआई रिमांड पर है. लेकिन इस गिरफ्तारी से कई कांडों का खुलासा संभव हो सकता है.कई लोग फंस सकते है.इस बात का भी पता चल सकता है कि क्या प्रमोशन के खेल में कोई रैकेट सक्रिय है. प्रभात रंजन की गिरफ्तारी से केके पॉलिटेक्निक डाकघर घोटाले के भी तार जुड़ गए हैं.
सूत्रों के अनुसार रिश्वतखोरी के शिकायतकर्ता के बैंक खाते में पिछले साल गोविंदपुर केके पॉलिटेक्निक स्थित उप डाकघर में हुए करोड़ों के घोटाले की कुछ रकम स्थानांतरित हुई थी. शिकायतकर्ता ने एमटीएस की परीक्षा पास कर ली थी. लेकिन घोटाले के मामले में उसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी. इसलिए उसे ट्रेनिंग में नहीं भेजा जा रहा था. ट्रेनिंग में जाने और बहाली का मेमो देने के लिए प्रभात रंजन ने रिश्वत मांगी थी. और प्रभात रंजन सीबीआई के हत्थे चढ़ गए. सूत्रों के अनुसार शिकायतकर्ता लगातार प्रधान डाकघर का चक्कर लगा रहा था. उसे कोई बताया कि अगर उसे काम कराना है, तो प्रभात रंजन से संपर्क करें. फिर तो वह प्रभात रंजन से संपर्क किया तो 70000 रुपए की मांग की गई. उसके बाद शिकायतकर्ता ने घूस मांगने की शिकायत सीबीआई से की.
प्रभात रंजन की गिरफ्तारी के बाद इस रैकेट में कई लोगों के शामिल होने की बात
सूत्र बताते हैं कि शिकायतकर्ता ने बुधवार को प्रभात रंजन से बात की. तो प्रभात रंजन ने उसे शाम को बुलाया. लेकिन वह नहीं मिले. फिर देर शाम शिकायत करने वाले ने उनको फोन किया. तो घर पर बुलाया. शिकायतकर्ता ₹30000 लेकर जगजीवन नगर स्थित प्रभात रंजन के घर गया और ₹30000 बतौर रिश्वत दे दी. इस बीच सीबीआई की टीम वहां पहुंच गई. उसके बाद प्रभात रंजन को जैसे ही भनक मिली. रुपए को सीमेंट के एक बोरी में छुपा दिया. जहां से सीबीआई की टीम ने उसे ढूंढ निकाला. इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया. प्रभात रंजन की गिरफ्तारी के बाद इस रैकेट में कई लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है. सूत्र बता रहे हैं की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी कई लोग लपेटे में आ सकते है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो