धनबाद(DHANBAD): धनबाद के SNMMCH में मेडिकल सीटों पर एक बार फिर खतरा दिखने लगा है.हालत यही रहे तो सीटों में फिर कटौती हो सकती है. नेशनल मेडिकल कमीशन ने इसी शर्त पर सीटों की संख्या बढ़ाई थी, कि सारी कमियों को जल्द दुरुस्त कर लिया जाएगा .7 साल तक लगातार कोशिश के बाद पिछले साल 100 सीट पर नामांकन की अनुमति मिली है. अगर कमियों को तेजी से दूर नहीं किया गया तो फिर सीटों की घाट संख्या घटाकर नेशनल मेडिकल कमिश्नर 50 कर सकता है. मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को इसकी चिंता सता रही है .सरकार को सारी परिस्थितियों से अवगत करा दिया गया है. जल्द अगर पदों पर चिकित्सक पदस्थापित नहीं किए गए तो फिर से सीटें घट सकती है.
मेडिकल कॉलेज की 100 एमबीबीएस सीटों पर एक बार फिर खतरा
2016 के पहले एमबीबीएस की 100 सीटों पर यहां नामांकन होता था. फैकल्टी समेत अन्य कमियों के कारण तत्कालीन मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया ने यहां की सीटों को घटाकर 50 कर दी थी. इसके बाद सीट बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे .वर्ष 2023 में जाकर प्रयास सफल हुआ और सीटों की संख्या 50 से बढ़कर 100 कर दी गई. इस शर्त के साथ सीट बढ़ाई गई थी कि अस्पताल अपनी कमियों को दूर कर लेगा. कमियों में सबसे महत्वपूर्ण शिक्षकों की कमी थी. लेकिन यह कमी दूर होने के बजाय लगातार बढ़ती जा रही है. हालत यहां तक पहुंच गए हैं कि मेडिकल कॉलेज की 100 एमबीबीएस सीटों पर एक बार फिर खतरा हो गया है. पिछले साल यहां शिक्षकों की कमी 27% थी. इस कमी को दूर करने के आश्वासन के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन ने सीटों की संख्या बढ़ाई थी. नेशनल मेडिकल कमीशन हर साल कमियों की समीक्षा करती है और उसके आधार पर नए सत्र के लिए सीटों की संख्या निर्धारित करती है.
डॉक्टरों के 128 पद रिक्त
धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विभिन्न पदों पर डॉक्टर के कुल 209 पर स्वीकृत है. इसमें केवल 81 डॉक्टर ही कार्यरत है. बाकी 128 पद रिक्त है. यानी आधे से अधिक पद खाली है. कुछ इसी साल रिटायर करने वाले हैं. ऐसे में सरकार के लिए तो यह जरूरी है कि इस पर ध्यान दें. जनप्रतिनिधियों की भी जिम्मेवारी है कि सीटों की संख्या बढ़ाने में अस्पताल प्रबंधन का सहयोग करें. सरकार पर दबाव बनाएं अन्यथा सीटों की संख्या अगर फिर घटी तो वापस लेने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो