धनबाद(DHANBAD) : धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव और सिंदरी में आवास का मुद्दा सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है. दोनों गंभीर मुद्दों पर राजनीतिक पार्टिया शामिल तो दिख रही है ,लेकिन दिखावा अधिक है ,भरोसा कम है. दोनों मुद्दे धनबाद के पॉलिटिकल पार्टियों के लिए लिटमस टेस्ट बनते जा रहे है. धनबाद के माननीयो के लिए भी यह एक बड़ी परीक्षा की घड़ी है. धनबाद के माननीय अगर खुद की राजनीति से ऊपर उठकर इन समस्याओं के समाधान में मजबूती से हस्तक्षेप नहीं किया, तो आगे उनके लिए भी परेशानी हो सकती है.
यह दोनों मुद्दे भाजपा -महागठबंधन में फंसते दिख रहे है. माननीयों को यह सोचना होगा कि अतीत में चाहे जो कुछ भी हुआ हो ,लेकिन वर्तमान तो उनके पास है. आगे प्रभावित लोग उनसे जवाब -सवाल कर सकते है. बात अगर सिंदरी से शुरू की जाए तो वहां भी मामला भाजपा और गठबंधन के बीच उलझता दिख रहा है.
. सिंदरी के लोग भी कई हिस्सों में बंटे है. कोई किसी के आस में है तो कोई किसी के भरोसे. राजनीतिक दल के लोग मीटिंग करते हैं ,बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन जमीन पर उनकी कार्रवाई कहीं दिखती नहीं है. यही वजह है कि सिंदरी का आवास मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. अलग-अलग गुटों में राजनीतिक दल के नेता सभा कर रहे हैं, सरकार को चुनौती दे रहे है. लोगों को भरोसा दे रहे हैं लेकिन ठोस कार्रवाई की प्रतीक्षा की जा रही है. दूसरी ओर केंदुआडीह गैस रिसाव का मामला भी कुछ ऐसा ही है.
आपदा प्रबंधन के तहत प्राप्त अधिकारों के अनुसार जिला प्रशासन प्रभावितो को राहत दे रहा है लेकिन बीसीसीएल को लेकर लोगों में आक्रोश है. सोमवार को प्रभावित लोगों ने बिना किसी नेता पर भरोसा किये , खुद मीडिया के सामने आए और अपनी बात कही. उन लोगों का आरोप है कि इस पूरी घटना के लिए सीधे तौर पर बीसीसीएल जिम्मेवार है. उनका कहना है कि बीसीसीएल प्रभावित इलाके के सभी हवा चानक , पंखा घर आदि को चालू करे. पहले गैस के रिसाव को रोका जाए.
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि पंखा घरों को चालू नहीं किया गया, तो पीबी एरिया और कुसुंडा में संचालित आउटसोर्सिंग का काम ठप कर दिया जाएगा. उन लोगों का कहना है कि वह लोग कहीं जाने वाले नहीं है. अगर जबरन कहीं दूसरे जगह भेजने की कोशिश हुई तो आंदोलन होगा. उनका यह भी आरोप है कि उन्हें डरा कर इलाके को खाली कराने की कोशिश की जा रही है. यह उन्हें मंजूर नहीं है. एक आश्चर्यजनक बात यह भी सामने आई कि प्रभावित लोग पीबी एरिया के निलंबित महाप्रबंधक के साथ खड़े दिखे.
प्रभावितों का कहना है कि महाप्रबंधक गैस निकालने के लिए बोरिंग की योजना बनाई थी ,लेकिन उन्हें निलंबित कर दिया गया. नए महाप्रबंधक को भेजा गया है. गैस रोकने की जगह लोगों को हटाने का प्रयास हो रहा है. यह वह लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. गैस प्रभावित इलाके में भाजपा के नेता भी गए और जा रहे हैं, कांग्रेस के नेता भी जा रहे हैं, माले के विधायक भी गए थे. भरोसा दिया लेकिन छठे दिन भी गैस रिसाव जारी है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
