धनबाद(DHANBAD):जिस तरह सरकारी मशीनरी बदलते जमाने के साथ स्मार्ट होती जा रही है, उसी तरह से साइबर अपराधी भी स्मार्ट होते जा रहे है.साइबर अपराधियों के ठगने के तरीके और उनकी चालाकी की भी दाद देनी होगी. अगर आप रिटायर्ड कोयलाकर्मी हैं ,तो सचेत रहिए ,नहीं तो कभी भी साइबर अपराधी आपके बैंक खाते की राशि उड़ा सकते हैं. पेंशन पे ऑर्डर के बहाने रिटायर्ड कोयला कर्मियो को साइबर अपराधी ताबड़तोड़ निशाना बना रहे हैं. इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. अभी हाल ही में एक रिटायर्ड कोयलाकर्मी से 10 लाख रुपए की ठगी हुई है. यह जानकारी कोल इंडिया स्तर से प्रसारित हुई है . कोल इंडिया मैनेजमेंट ने सभी अनुषंगी इकाइयों को पत्र लिखकर पेंशन पे ऑर्डर पर साइबर अपराधियों की नजर को लेकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा है.
कोल इंडिया के रिटायर्ड कोयला कर्मी हो जाएं सावधान
दरअसल पेंशन की सुचारू व्यवस्था के लिए कोल माइंस प्रेसिडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन ने संशोधित पेंशन पे ऑर्डर के माध्यम से जरूरी जानकारी मांगी है. पेंशनर की मौत होने पर पत्नी को पेंशन जारी रहे, इसलिए पेंशन पे आर्डर में पेंशनर एवं पत्नी के बैंक खाता सहित अन्य जानकारियां देनी है. अब साइबर अपराधी इसी बहाने सेवानिवृत कोयलाकर्मियों को टारगेट कर रहे हैं .सच्चाई यह है कि फोन पर इस तरह की कोई जानकारी देनी ही नहीं है. फिर भी साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर कोयला कर्मियों को ठग रहे हैं. कोल इंडिया के महाप्रबंधक ने 22 मार्च को पत्र लिखकर कहा है कि सेवानिवृत कर्मियों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाए ,ताकि साइबर अपराधियों के चंगुल में सेवानिवृत कर्मी नहीं फंसे. संशोधित पेंशन पे ऑर्डर में फोन पर किसी को इस तरह की जानकारी देनी ही नहीं है .इसलिए यदि कोई साइबर अपराधी बैंक खाता, ओटीपी आदि की जानकारी मांगे तो सचेत हो जाइए.
साईबर अपराधी पेंशन पे ऑर्डर के बहाने खाली कर देंगे बैंक खाता
दरअसल साइबर अपराधी किसी भी नए नियम अथवा परिवर्तन पर नजर गड़ाए होते हैं .क्योंकि उनके पुराने तरीके से लोग वाकिफ हो जाते हैं .इसलिए उसे छोड़ नए ढंग और तरीके से ठगी का नया तरीका निकालते हैं. फिलहाल सेवानिवृत कोयला कर्मी उनके निशाने पर हैं .झारखंड के जामताड़ा से निकले साइबर अपराधी देश के विभिन्न हिस्सों में फैल गए हैं और लोगों को अपने-अपने ढंग से ठग रहे हैं. इस काम में एक दो नहीं बल्कि एक फौज लगी हुई है. जामताड़ा में तो साइबर अपराध करने की पाठशाला तक चलती है. यहीं से निकलकर साइबर अपराधी झारखंड के दूसरे जिलों सहित पूरे देश में फैल गए हैं.जब भी बैंक अथवा सरकारी विभाग में कोई नियम परिवर्तन होता है,उनको आधार बनाकर ठगी करने लगते है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो