धनबाद(DHANBAD): धमकी के शब्द भी एक ही, तरीका भी एक ही तरह का, सिर्फ समय अलग-अलग. इसी तर्ज पर धनबाद में रंगदारी मांगने वाले लोगों को धमका रहे हैं. रविवार की शाम नया बाजार के जांच घर में हुई फायरिंग की घटना को आई एम ए ने गंभीरता से लिया है. पुलिस से साफ कहा है कि या तो डॉक्टरों को सुरक्षा मिले, नहीं तो काम करना संभव नहीं है. बता दें कि इसी तरह डॉक्टर समीर कुमार को भी धमकी दी गई थी. उसके बाद तो उन्होंने धनबाद ही छोड़ दिया था. पुलिस की बहुत किरकिरी हुई थी. पुलिस से भरोसा मिलने के बाद धनबाद लौटे थे, लेकिन रविवार फिर फायरिंग कर डॉक्टरों को चुनौती दी गई है. फायरिंग के चंद मिनट बाद ही सोशल मीडिया पर एक पर्चा वायरल होने लगा, जिसमें फायरिंग की जिम्मेवारी वासेपुर के कुख्यात प्रिंस खान का गुर्गा मेजर ने लिया है. मेजर कोई छद्म नाम है और इसी के नाम पर धमकी दी जा रही है. घटना लगभग 6:30 बजे शाम की है. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अपराधी बाइक पर सवार होकर आए और गोली चलाकर बैंक मोड़ की तरफ भाग गए. उनकी हिम्मत की दाद देनी होगी कि भीड़भाड़ वाले इलाके में फायरिंग की और उसके बाद भीड़भाड़ वाले इलाके की तरफ ही भागे. पुलिस सीसीटीवी कैमरे से अपराधियों की पहचान करने में जुटी हुई है. चर्चा है कि लैब के संचालक के भाई को 2 दिन पहले व्हाट्सएप कॉल पर धमकी मिली थी. इस धमकी की सूचना बैंकमोड़ पुलिस को दी गई थी, बावजूद फायरिंग की घटना हो गई. धनबाद के डॉक्टरों ने मांग की है कि अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी नहीं हुई और डॉक्टरों पर हमले बंद नहीं हुए तो वे कड़े निर्णय लेने को बाध्य होंगे. अप्रैल महीने में कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी अमन सिंह के नाम पर धनबाद के डॉक्टर समीर कुमार से रंगदारी मांगी गई थी .मामला इतना तूल पकड़ा कि डॉक्टर समीर कुमार धनबाद छोड़ने को तैयार हो गए. पुलिस के आश्वासन और कार्रवाई के बाद वह धनबाद लौटे. इस घटना के बाद अपराधियों ने फिर हिम्मत करते हुए क्लिनि लैब पर गोलीबारी कर पुलिस को खुली चुनौती दी है. देखना है इस मामले में क्या कार्रवाई होती है.
27 दिसंबर को निकाला जाएगा कैंडल मार्च
इधर,मुथूट एनकाउंटर में नाम कमाने वाली पुलिस लोगों के निशाने पर है. ताबड़तोड़ घटनाएं हो गई हैं. पहली घटना में बैंक मोड़ थाना क्षेत्र के पप्पू मंडल के घर पर सुबह-सुबह फायरिंग की गई थी. उसके बाद मटकुरिया में ही नया बाजार के बबलू की हत्या कर दी गई. रविवार की शाम क्लिनि लैब में फायरिंग की गई. यह तीनों घटनाएं बैंक मोड़ थाना क्षेत्र की है और तीनों घटनाओं में कोई खुलासा नहीं हुआ है. दोनों फायरिंग में प्रिंस खान के गुर्गे का नाम आया है, जबकि हत्याकांड का खुलासा करना भी पुलिस के लिए चुनौती है. इधर, बबलू हत्याकांड में खुलासे नहीं होने से नाराज नया बाजार के लोग 27 दिसंबर को कैंडल मार्च निकालने का निर्णय लिया है. उनका कहना है कि यह आंदोलन की शुरुआत है, उसके बाद भी अगर पुलिस का रवैया ढीला ढाला ही रहा तो रणधीर वर्मा चौक पर धरना देंगे. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि मुथूट एनकाउंटर के बाद पुलिस ने जो अपराधियों पर दबाव बनाया था, वह दबाव अब खत्म हो गया है और अपराधी खुलेआम अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. पुलिस चाहे जो भी दावा करें कि कारोबारियों को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन लगातार हो रही घटनाओं के बाद लोगों में दहशत का माहौल है. और इसको खत्म करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती भी है.