धनबाद(DHANBAD) | धनबाद के शराब माफिया बिहार को कभी निराश नहीं करते. धनबाद में जब-जब शराब की खेप पकड़ी गई है, खुलासा हुआ है कि धनबाद के शराब माफिया का लिंक बिहार से जुड़ा हुआ है. सोमवार को धनबाद के बलियापुर में जो अवैध शराब की फैक्ट्री पकड़ी गई है ,उसका भी लिंक बिहार से जुड़ा हुआ बताया जाता है. यह फैक्ट्री बलियापुर की गुल्लूडीह बस्ती में चलाई जा रही थी. टीम जब पहुंची तो वह भी अचरज में पड़ गई. बड़े पैमाने पर नकली शराब यहां बन रही थी. सूत्रों के अनुसार कच्चा स्प्रिट और केरेमल मिलाकर शराब तैयार की जा रही थी. अनुमान लगाया जा रहा है कि दुर्गा पूजा में जब ड्राई डे रहता है, तो उसे वक्त शराब आपूर्ति की तैयारी थी.
बिहार भेजने का भी मिला है लिंक
इसके अलावे बिहार भी शराब भेजने का लिंक उत्पाद विभाग को मिला है. भारी मात्रा में शराब बरामद हुई है. वैसे धनबाद के शराब माफिया सरकार के किसी भी नियम को अंगूठे पर रखते है. पहले शराब के ढक्कन पर प्लास्टिक का रैपर पर लगा रहता था. अवैध शराब तस्कर भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करने लगे. इसको देखते हुए एक माह पहले झारखंड सरकार ने कागज का रैपर लगाना शुरू किया. बलियापुर में छापेमारी जब हुई तो कागज का रैपर ही मिला. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार की हर एक गतिविधियों के अनुसार धनबाद के शराब माफिया काम करते हैं और अवैध शराब की फैक्ट्री चलाते है. वैसे भी बिहार सरकार कहती है कि शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. लेकिन झारखंड के दुकानदार कहिए अथवा शराब माफिया, बिहार के शराब कारोबार करने वालों को पूरी मदद करते है. वैसे, भी धनबाद में शराब की खपत पूरे झारखंड में दूसरे नंबर पर है.
होली के समय 6 करोड रुपए से अधिक की शराब गटक गया था धनबाद
होली के समय धनबाद में 6 करोड रुपए से अधिक की शराब बेची गई थी. यह तो अधिकृत आंकड़ा है. अवैध शराब का इसमें आंकड़ा नहीं है. हालांकि धनबाद में शराब के खिलाफ अभियान चलते रहते हैं लेकिन जिस अनुपात में अवैध फैक्ट्रियां चलती है , उस अनुपात में कार्रवाई नहीं होती है. मोहल्ले ,बस्ती के लोग भी शराब का विरोध करते हैं बावजूद शराब माफिया के आगे किसी की कुछ चलती नहीं है. पिछले महीने धनबाद के जामाडोबा , आजाद नगर में शराब के खिलाफ महिलाओं ने अभियान चलाया था. पुलिस को निशाने पर लिया था. महिलाओं ने जोड़ा पोखर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. कहा था कि पुलिस शराब रोकने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखती है. सोमवार को बलियापुर की मिनी अवैध शराब फैक्ट्री परिसर के इंतजाम को देखकर उत्पाद विभाग की टीम भी दंग रह गई. शराब बनाने से लेकर उसकी पैकिंग तक, लोकल शराब को ब्रांडेड शराब की बोतल में भरने से लेकर रैपर साटने तक के ठोस इंतजाम थे.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो