धनबाद(DHANBAD): धनबाद का नगर निगम चुनाव सिंह मेंशन के लिए टेंशन लेकर आ रहा है. मंगलवार के दिन सिंह मेंशन के ही दो लोगों ने मेयर चुनाव लड़ने की दावेदारी कर दी. रघुकुल अभी अपना पत्ता नहीं खोला है और न खोलने की जल्दबाजी में है. मंगलवार को एक तरफ सूर्यदेव सिंह के बेटे सिद्धार्थ गौतम ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो दूसरी ओर मंगलवार को ही रामधीर सिंह की पतोहू आसनी सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि आप सभी धनबाद जिला के साथियों, माताओं, भाइयों, बहनों और समस्त बुजुर्गों को मैं आसनी सिंह सादर प्रणाम करती हूं. दोस्तों आज के दैनिक अखबार में छपी खबर के अनुसार यदि मैं महापौर पद के चुनाव लड़ने के योग्य नहीं होंगी , तो उस परिस्थिति में मेरी मां एवं प्रथम महापौर श्रीमती इंदू देवी महापौर का चुनाव लड़ेंगी. मैं आप सभी का साथ एवं विश्वास की अपेक्षा करती हूं, मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक इंदू देवी ने भी कहा है कि अगर आसनी चुनाव नहीं लड़ पाएगी तो वह चुनाव लड़ेगी.
चुनाव में कौन कौन खड़ा हो रहा, इससे कोई अंतर नहीं पड़ता
चुनाव में कौन कौन खड़ा हो रहा , इससे कोई अंतर नहीं पड़ता. सिंह मेंशन से आसनी सिंह के ही चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन 3 बच्चों पर पाबंदी के नियम के बाद ऐसा लगता है कि आसनी सिंह चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. इस स्थिति में इंदू देवी ने घोषणा कर दी है कि वह चुनाव लड़ेगी. सुबह में सिद्धार्थ गौतम ने चुनाव लड़ने की घोषणा की और शाम होते होते आसनी सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट डाल कर खुद नहीं तो इंदू देवी के चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. रघुकुल का भी कोई न कोई उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा ही,इस संभावना से कोई इंकार नहीं करता. सिद्धार्थ गौतम के भाई पूर्व विधायक संजीव सिंह अभी पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में धनबाद जेल में बंद है. उनकी पत्नी रागिनी सिंह अभी भाजपा में सक्रिय है.
2019 में रागनी सिंह हार गई थी चुनाव
उधर, 2019 के चुनाव में झरिया विधानसभा से रागिनी सिंह को पराजित कर स्वर्गीय नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह चुनाव जीती, अभी झरिया से कांग्रेस के टिकट पर विधायक है. 2006 में धनबाद नगर निगम का गठन हुआ था. पहली बार 2010 में हुए चुनाव में इंदू देवी मेयर बनी थी. उसके बाद 2015 के हुए चुनाव में शेखर अग्रवाल मेयर बने. इस बार चुनाव न दलगत होने की उम्मीद है और ना आरक्षण की कोई संभावना है. इसलिए उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी है. लंबी लिस्ट सभी दलों में है और अब तो परिवार में भी लिस्ट लंबी होने लगी है.
रिपोर्ट : शांभवी, धनबाद