धनबाद(DHANBAD): धनबाद महानगर भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह और ग्रामीण जिला अध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा रहेंगे या बदले जाएंगे, यह चर्चा भाजपा सर्किल में फिर एक बार तेज हो गई है. तेज होने की वजह यह बताया जाता है कि प्रदेश भाजपा कमेटी की घोषणा के बाद अब जिला संगठनों में बदलाव की तैयारी चल रही है. कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा के 28 संगठनात्मक जिलों में से कई के नाम को फाइनल कर दिया गया है. कुछ नाम को लेकर जिच चल रही है. इन जिलों के सांसद और विधायकों ने अपने चहेते को जिला अध्यक्ष बनाने का प्रदेश समिति से आग्रह किया है. वैसे प्रदेश संगठन की ओर से आम सहमति बनाकर ही जिला अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है. इसमें जिला के सांसद और विधायकों से भी राय ली जाती ही.
बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में पार्टी
इधर, पार्टी 2024 के चुनाव को लेकर संगठन में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी कर रही है. निष्क्रिय रहे जिला अध्यक्ष की सूची तैयार कर ली गई है. उनकी जगह पर नए लोगों के नाम को भी फाइनल कर लिया गया है. अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष अमर बाउरी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है. ऐसे में उन्हें मोर्चा के अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी छोड़नी पड़ेगी. वैसे, धनबाद की बात की जाए तो महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह का कार्यकाल भी पूरा हो गया है. ग्रामीण जिला अध्यक्ष का भी कार्यकाल खत्म हो गया है. महानगर अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह सांसद पीएन सिंह के समर्थक माने जाते हैं, जबकि ज्ञान रंजन प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के समर्थक कहे जाते है. ज्ञान रंजन सिन्हा की बाबूलाल मरांडी के साथ गहरे ताल्लुकात बताये जाते है.
4 फरवरी को भाजपा के छोटे-बड़े सभी नेताओं की अग्नि परीक्षा
बाबूलाल मरांडी ने जब भाजपा छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई थी, उस वक्त भी ज्ञान रंजन बाबूलाल मरांडी के साथ थे और जब बाबूलाल मरांडी भाजपा में लौटे , तो ज्ञान रंजन भाजपा में वापस आए और ग्रामीण जिला अध्यक्ष बन गए. वैसे 4 फरवरी को धनबाद में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित है. इसके लिए आज से बैठकों का दौर भी जारी हो गया है. 4 फरवरी को भाजपा के छोटे-बड़े सभी नेताओं की अग्नि परीक्षा होगी. वैसे, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर लेकर भी भाजपा में प्रतियोगिता थी. सारे भाजपा के छोटे- बड़े नेता सक्रिय थे. धनबाद लोकसभा सीट को भाजपा सबसे अधिक सेफ सीट मानती है. ऐसे में कोई बदलाव नहीं भी किया जा सकता है. प्रोफेसर रीता वर्मा के बाद वर्तमान सांसद पशुपतिनाथ सिंह 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार सांसद रहे. वैसे धनबाद के 6 विधानसभा सीटों में चार अभी भाजपा के पास है, जबकि एक कांग्रेस और एक झारखंड मुक्ति मोर्चा के कब्जे में है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो