धनबाद(DHANBAD): धनबाद के बेकारबांध तालाब में प्रदेश का पहला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा था. उस समय तो इसकी खूब चर्चा हुई थी लेकिन अभी यह प्लांट बंद है तो इसकी चर्चा भी बंद है. गली- मोहल्लों का गंदा पानी सीधे तालाब में प्रवेश कर रहा है और तालाब अब बदबू देने लगा है. इसी बीच 12 साल पुरानी धनबाद की सीवरेज ड्रेनेज योजना को झारखंड कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. यह योजना 858 करोड़ रुपए की है. सवाल उठता है कि इस योजना के तहत काम तो बहुत अच्छे -अच्छे होने हैं लेकिन पूरे होंगे अथवा नहीं, इस पर अभी धनबाद के लोगों को पूरा भरोसा नहीं हो रहा है. क्योंकि यहां का इतिहास है कि योजनाएं तो तेजी से बनती हैं लेकिन जब जमीन पर उतारने की बारी आती है तो वह ध्वस्त हो जाती है.
858 करोड़ की सीवरेज योजना को मिली हसि मंजूरी
858 करोड़ की सीवरेज योजना सही ढंग से नहीं पूरी हुई तो धनबाद का यह सपना अधूरा ही रह जाएगा. बेकारबांध तालाब की हालत इसका उदाहरण माना जा सकता है. अभी पूरे देश में नमामि गंगे अभियान चल रहा है लेकिन धनबाद से गुजरने वाले दामोदर नद में अभी भी 153 एमएलडी गंदा पानी गिर रहा है. यह गंदा पानी कोयला अंचल के अगल-बगल के उद्योगों से निकलकर दामोदर में प्रवेश कर रहा है. इधर, धनबाद में 12 साल पुरानी 858 करोड़ रुपए की सीवरेज देने योजना के तहत धनबाद शहर के घरों से निकलने वाले नाले के पानी को एक जगह जमा कर उसे दामोदर नदी में साफ करने के बाद डाला जाएगा. इसके लिए 5 जगहों पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे. नगर निगम इस पानी को साफ करेगा, उसके बाद इस पानी को दामोदर नदी में गिराया जाएगा. साफ पानी का 30% हिस्सा पावर प्लांट को बेचकर निगम अपने राजस्व में बढ़ोतरी करेगा.
नगर निगम पावर प्लांट को भी पानी बेचकर पैसा कमाएगा
नगर निगम पावर प्लांट को भी पानी बेचकर पैसा कमाएगा. पाइप लगाकर गंदे पानी को पाइप के जरिए एक जगह जमा किया जाएगा,फिर इसे साफ किया जाएगा. लेकिन इसके साथ ही नगर निगम की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी, क्योंकि योजना को पूरा करना सबसे बड़ी जिम्मेवारी होगी. उदाहरण के तौर पर हम कह सकते है कि धनबाद शहर के बेकारबांध तालाब में नाले के गंदा पानी को फिल्टर करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था, लेकिन प्लांट खराब पड़ा है. आसपास की कॉलोनियों का पानी बिना फिल्टर हुए ही तालाब में गिर रहा है. 2018 में अमृत योजना के तहत नगर निगम ने इसका जीर्णोद्धार किया था. झारखंड में पहली बार किसी तालाब में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने वाला शहर धनबाद ही बना था लेकिन आज इसकी हालत के बारे में भी रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो