धनबाद(DHANBAD): झारखंड के चर्चित विधायक सरयू राय धनबाद लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस सहित तमाम नेताओं से मदद मांगी थी, लेकिन कांग्रेस ने तो अब उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह धनबाद से उम्मीदवार बनी है. बावजूद सरयू राय धनबाद से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे ,इसके संकेत मिल रहे है. आज रामनवमी के बाद वह धनबाद आ सकते हैं और अपनी रणनीति का खुलासा कर सकते है. अभी वह भाजपा प्रत्याशी विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ हमलावर हैं और विधायक की कथित गड़बड़ियों का खुलासा कर रहे है. प्रधानमंत्री सहित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को ट्वीट कर रहे है. सवाल पूछ रहे है. जो भी हो लेकिन अनुपमा सिंह को टिकट मिलेगा ,इसकी चर्चा बहुत दिनों से चल रही थी. वैसे सरयू राय धनबाद से चुनाव लड़ने का मन हाल फिलहाल में नहीं बनाए है. पहले से ही उन्होंने इसकी फील्डिंग शुरू कर दी थी. अगर हाल के महीनो में उनके धनबाद दौरे का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो इसके सबूत मिल जाएंगे. उन्हें यह भरोसा था कि भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह का उम्र के कारण टिकट कट सकता है.
पहले से ही सक्रिय है सरयू राय
इस कारण वह धनबाद में सक्रिय हो गए थे. पहले तो यह चर्चा चली कि सरयू राय फिर से भाजपा में शामिल हो सकते हैं लेकिन यह चर्चा भी सिर्फ चर्चा से आगे नहीं बढ़ पाई. सरयू राय इसको नकारते रहे. फिर एक हवा उठी कि नीतीश कुमार जदयू के लिए धनबाद सीट मांग सकते हैं और सरयू राय को धनबाद से चुनाव लड़ाया जा सकता है. यह भी सिर्फ चर्चा ही साबित हुई. उसके बाद सरयू राय धनबाद से चुनाव लड़ने का मन बनना शुरू किया. धनबाद की राजनीति को जानने समझने वाले बताते हैं कि सरयू राय अगर धनबाद से चुनाव लड़ते हैं तो मुकाबला रोचक हो जाएगा. त्रिकोणीय संघर्ष होगा, क्योंकि सरजू राय भी चुनावी राजनीति के "चाणक्य" माने जाते है. जमशेदपुर पूर्वी से उन्होंने रघुवर दास को निर्दलीय चुनाव लड़कर पराजित कर दिया था. सरजू राय का कहना है कि यह जरूर है कि कांग्रेस ने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है लेकिन इससे उनके चुनाव लड़ने के निर्णय पर बहुत अंतर नहीं पड़ने वाला है.
चार विधानसभा होते हैं डिसाइडिंग फैक्टर
वैसे भी धनबाद लोकसभा सीट पर डिसाइडिंग फैक्टर तीन या चार विधानसभा क्षेत्र ही होते है. जिनमे धनबाद, झरिया, निरसा और बोकारो शामिल है. बोकारो में सबसे अधिक मतदाता है. हाल के सालों में धनबाद लोकसभा से कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवारों पर भरोसा जताया था. इनमें ददई दुबे, अजय दुबे, कीर्ति आजाद के नाम गिनाये जाते है. 1991 के बाद पहली बार कांग्रेस ने किसी राजपूत उम्मीदवार को टिकट दिया है. वैसे शंकर दयाल सिंह धनबाद से सांसद रह चुके हैं लेकिन यह 1991 के पहले की बात है. 2009 के बाद से भाजपा के टिकट पर पशुपतिनाथ सिंह चुनाव जीतते रहे हैं और वह भी राजपूत जाति से ही आते है. इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर विधायक ढुल्लू महतो पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने अनुपमा सिंह को मैदान में उतारा है. अगर सरजू राय भी धनबाद लोकसभा से मैदान में उतरते हैं तो समीकरण बदलाव के बड़े फैक्टर हो सकते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो