धनबाद(DHANBAD): धनबाद लोकसभा से भाजपा ,कांग्रेस और मासस के उम्मीदवारों ने अपना नामांकन कर दिया है. प्रचंड गर्मी के बीच सभी ने अपने समर्थकों की "ताकत" दिखाने का प्रयास किया है. अपने प्रतिद्वंदियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश की है. सब अपने -अपने जीत के दावे कर रहे हैं. नामांकन में हर एक दल के बड़े-छोटे नेता जुटे .भीड़ जुटी, लेकिन एक बात जो चर्चा में रही कि नेताओं के हाथ मिले तो दिखे लेकिन दिल भी मिले हैं क्या.यह सवाल भाजपा और कांग्रेस दोनों से पूछे जा रहे हैं .ऐसा इसलिए कि कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी के उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद विरोध के स्वर भी उठ रहे हैं. पशुपतिनाथ सिंह का टिकट काटकर भाजपा ने बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को टिकट दिया तो इसका भी विरोध कमोबेश हो रहा है. तो कांग्रेस ने अनुपमा सिंह को उम्मीदवार बनाया तो इसके खिलाफ भी कांग्रेस का एक गुट नाराजगी व्यक्त कर रहा है. एक जुटता दिखाने में यह बात सच है कि कांग्रेस से बीजेपी आगे निकली. कम से कम मंच पर सभी भाजपा के नेता एक साथ दिखे. भाजपा नेताओं का दिल मिला है अथवा नहीं, लेकिन हाथ जरूर मिलता दिखा.
कांग्रेस इसमें पिछड़ती दिख रही
लेकिन कांग्रेस इसमें पिछड़ती दिखी. कांग्रेस के नॉमिनेशन में ना ददई दुबे दिखे ना जलेश्वर महतो दिखे और ना कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कहीं नजर आए. यह बात अलग है कि भाजपा में विरोध को खत्म करने के लिए प्रदेश नेतृत्व ने कमान संभाला और लोगों को समझा कर कम से कम हाथ मिलाने तक तो पहुंचा ही दिया. लेकिन कांग्रेस में प्रदेश नेतृत्व की गतिविधियां कहीं दिखाई नहीं दी. नतीजा हुआ कि नाराज अभी भी नाराज ही हैं .झारखंड में कांग्रेस 7 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और इन सीटों पर जीत दर्ज करना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर के लिए चुनौती होगी. इस चुनौती का किस "मंत्र "से सामना किया जाएगा, यह तो कांग्रेस प्रदेश कमेटी ही बता सकती है. वैसे कांग्रेस उम्मीदवार को टिकट मिलने के खिलाफ धनबाद के अल्पसंख्यक नेता भी थे. उनका कहना था कि झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से एक पर भी अल्पसंख्यक नेता को टिकट नहीं दिया गया. यह बात प्रदेश कांग्रेस को खटकी तो उन्हें मनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर को धनबाद भेजा गया. शहजादा अनवर ने जिला कांग्रेस कमेटी (अल्पसंख्यक) के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उनसे बातचीत की. आगे के चुनाव में उनकी हिस्सेदारी देने की बात हुई. अल्पसंख्यक नेताओं की बात कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी से भी कराई गई. शहजादा अनवर ने कहा कि धनबाद से कांग्रेस की जीत के प्रति वह पूरी तरह से आश्वस्त हैं.
कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय को नहीं दिया है टिकट
बता दे कि कांग्रेस पार्टी द्वारा एक पर भी अल्पसंख्यक समुदाय को टिकट नहीं देने से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है. वह चुनाव में हिस्सा नहीं लेने की भी बात कर रहे थे. इस नाराजगी को कांग्रेस के केंद्रीय एवं प्रदेश कमेटी ने गंभीरता से लिया और उन्हें मनाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर को धनबाद भेजा था. उन्होंने नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेताओं से बातचीत की और केंद्रीय नेतृत्व की ओर से आश्वासन दिया है. जिसके बाद उनकी नाराजगी दूर होने की बात कही जा रही है. लेकिन इस बैठक के बाद कांग्रेस प्रत्याशी का बुधवार को नॉमिनेशन हुआ. लेकिन उस नॉमिनेशन कार्यक्रम में कांग्रेस के सभी नेता कहीं दिखाई नहीं दिए. चुनाव के वक्त थोड़ी बहुत नाराजगी स्वाभाविक है, लेकिन भाजपा ने जिस प्रकार असंतोष को नियंत्रित किया, उसमें कांग्रेस पिछड़ ती दिख रही है .अब देखना है आगे आगे होता है क्या. भाजपा उम्मीदवार ढुल्लू महतो को टिकट मिलने से प्रदेश भाजपा के कई नेताओं की प्रतिष्ठा दाव पर है तो कांग्रेस में भी कमोबेश यही स्थिति है. लोकसभा चुनाव का परिणाम आगे बहुत कुछ तय करेगा. प्रदेश के बड़े नेताओं को 4 जून के बाद "कट टू साइज" किया जा सकता है तो कुछ का कद भी बढ़ सकता है. लेकिन इसके लिए 4 जून का इंतजार करना होगा.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो