धनबाद(DHANBAD): धनबाद लोकसभा का चुनाव खत्म होने के बाद भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो ने चुनाव में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सहयोग, समर्थन एवं पक्ष में मतदान करने वालों को धन्यवाद दिया है. मतदाताओं के प्रति आभार जताया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह ने कहा है कि धनबाद लोकसभा के वोटरों का भरपूर आशीर्वाद मिला है.वोट देने के लिए मतदाता घरों से निकले, कांग्रेस और राहुल गांधी की नीतियां उन्हें पसंद आई, जीत सुनिश्चित है. जिला प्रशासन चुनाव कराने और सुरक्षा प्रदान करने को लेकर बधाई का पात्र है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र के 25 उम्मीदवारों के भाग्य का पिटारा मशीन में कैद हो गया है. वैसे, तो सभी उम्मीदवार अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है. हालांकि अंतिम फैसला तो 4 जून को ही आएगा. लेकिन यह बात भी उतना ही सच है कि धनबाद लोकसभा क्षेत्र में संघर्ष कड़ा है.
कड़े संघर्ष में फांसी है धनबाद सीट
इसे कांटे की टक्कर भी कहा जा सकता है. खतियानी नेता टाइगर जयराम महतो के उम्मीदवार को मिले वोटों से अगर चुनाव के नतीजे प्रभावित हो जाये तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. गिरिडीह से वह खुद चुनाव लड़ रहे है. धनबाद लोकसभा से भी उनके उम्मीदवार है. कहा तो जा रहा है कि धनबाद लोकसभा से टाइगर जयराम महतो के उम्मीदवार को जो भी वोट आएंगे ,वह शिफ्टिंग के वोट होंगे. यानि यह वोट पहले किसी अन्य दल को मिलते थे. यही से सवाल खड़ा होता है कि क्या यह "शिफ्टिंग वोट " चुनाव नतीजे को प्रभावित कर सकता है अथवा नहीं. इस पर बहस हो सकती है लेकिन इतना तो तय है कि राजनीतिक पंडित भी उलझन में है और यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि कौन जीत रहा है. वैसे धनबाद लोकसभा सीट बीजेपी के लिए गारंटी वाली सीट मानी जाती है. 2004 के बाद कांग्रेस का उम्मीदवार यहां से जीत नहीं पाया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा धनबाद लोकसभा से चुनाव ही नहीं लड़ा है. जब-जब चुनाव हुए धनबाद लोकसभा सीट उसके गठबंधन के खाते में चली गई और इस वजह से झारखंड मुक्ति मोर्चा धनबाद से चुनाव नहीं लड़ पाया.
धनबाद लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र है
धनबाद लोकसभा में 6 विधानसभा क्षेत्र है. कहा जाता है कि चंदनकियारी , बोकारो और सिंदरी विधानसभा में जयराम महतो की पार्टी ने अच्छी पकड़ बनाई है और अगर ऐसा सच में हुआ है तो चुनाव के नतीजे प्रभावित हो सकते है. वैसे भाजपा का धनबाद में अपना इतिहास रहा है. भाजपा यहां से बंपर वोटो से जीतती रही है. इस बार भी भाजपा के लोगों को उम्मीद है कि जीत उन्हीं की होगी. तो कांग्रेस प्रत्याशी भी जीतने का ताल ठोक रही है.धनबाद में एके राय की पार्टी मासस भी चुनाव लड़ रही है. इतना तो तय है कि टाइगर जयराम महतो के उम्मीदवार और मासस के प्रत्याशी को कितना वोट आता है ,इस पर बहुत कुछ निर्भर करेगा. धनबाद लोकसभा की "कुर्सी" निरसा, झरिया, धनबाद और बोकारो होकर जाती है. इन चार विधानसभा क्षेत्र में जिसे भी लीड मिलेगी, वह चुनाव जीत सकता है. वैसे इस चुनाव में चंदनकियारी विधानसभा की भूमिका भी बढ़ गई है. परिणाम जानने के लिए 4 जून की प्रतीक्षा करनी होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो