धनबाद(DHANBAD): तो क्या धनबाद लोकसभा के चुनावी राजनीति पर आशीर्वाद की राजनीति और डाइनिंग हॉल पॉलिटिक्स भारी पड़े रही है. आशीर्वाद और भोजन की राजनीति कर पक्ष और विपक्ष के प्रत्याशी क्या कुछ संदेश देना चाहते हैं. क्या यह बताना चाहते हैं कि उनको सभी दलों का आशीर्वाद और समर्थन प्राप्त है. आशीर्वाद के केंद्र में तीन बार के विधायक और तीन बार के सांसद रहे पशुपतिनाथ सिंह उर्फ भाई जी हैं .भाई जी धनबाद में अपनी छवि आजाद शत्रु का बनाए रखने में अब तक सफल रहे हैं. 2019 के चुनाव में झारखंड में सबसे अधिक मतों से जीतने वाले सांसद का रिकॉर्ड भी पशुपतिनाथ सिंह के खाते में है.
2024 के चुनाव में दो नई चीज दिख रहे हैं. एक आशीर्वाद की राजनीति और दूसरा डाइनिंग हॉल पॉलिटिक्स. पक्ष और विपक्ष सभी उम्मीदवारों में कौन कितना इनमें आगे निकल सकता है, इसकी होड़ मची हुई है. कौन किसको विजई भव: का आशीर्वाद दिया है या देने वाला है, इस पर भी लोगों की निगाहें टिकी हुई है.धनबाद के तीन बार के विधायक और तीन बार के सांसद रहे पशुपतिनाथ सिंह उर्फ भाई जी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन धनबाद लोकसभा के चुनाव प्रचार के केंद्र बिंदु बने हुए हैं. इस बार वह खुद के लिए तो प्रचार नहीं कर पाएंगे लेकिन उनकी चौखट पर आशीर्वाद लेने वाले पहुंच रहे हैं. आशीर्वाद तो वह सबको दे रहे हैं लेकिन विजई भव: का आशीर्वाद किसे किसे दिया है, इसका खुलासा नहीं हुआ है.
पशुपतिनाथ सिंह का टिकट काटकर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को भाजपा ने टिकट दिया है. टिकट मिलने के साथ ही ढुल्लू महतो ने पशुपतिनाथ सिंह से आशीर्वाद लिया. आशीर्वाद लेने में दूसरे दल के उम्मीदवार भी पीछे नहीं है. कांग्रेस के उम्मीदवार अनुपमा सिंह भी उनसे आशीर्वाद लिया है. इस बार धनबाद की चुनावी राजनीति में आशीर्वाद का तड़का खूब लग रहा है. भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो हो अथवा कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह घर घर, द्वार द्वार घूम कर आशीर्वाद ले रहे हैं. अनुपमा सिंह तो निर्दलीय विधायक सरयू राय से आशीर्वाद लेने जमशेदपुर भी गई थी. सरयू राय ने उन्हें आशीर्वाद दिया लेकिन वह व्यक्तिगत आशीर्वाद था. राजनीतिक आशीर्वाद नहीं था. लोग तो यह भी कहते हैं कि लगातार अनुरोध के बाद भी उन्होंने जमशेदपुर में अनुपमा सिंह को विजई भव: का आशीर्वाद नहीं दिया.
कांग्रेस नेता अशोक कुमार सिंह के घर पहुंचे सरयू राय
इधर सोमवार की रात विधायक सरयू राय कांग्रेस नेता और झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह के घर पहुंचे.घर जाने का निजी कारण था अथवा राजनीतिक, इसपर कोई कुछ नहीं बोल रहा है. लेकिन इसकी चर्चा तो खूब हो रही है.धनबाद से सरयू राय या उनकी पार्टी का कोई उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा,इसके संकेत है. इधर, बोकारो जाकर भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो कांग्रेस के पूर्व सांसद ददई दुबे से भी आशीर्वाद लिया है. अनुपमा सिंह, सिंह मेंशन जाकर पूर्व विधायक कुंती सिंह से भी आशीर्वाद लिया .आशीर्वाद लेने में दल का कोई बंदिश नहीं दिख रहा है. ढुल्लू महतो और अनुपमा सिंह धनबाद लोकसभा से उम्मीदवार हैं. यह बात अलग है कि ढुल्लू महतो को भी टिकट मिलने से भाजपा का एक खेमा भीतरी भीतर नाराज है. भले ही बाहर से नाराजगी नहीं दिखती है लेकिन बातचीत में नाराजगी जाहिर हो ही जाती है.
इधर अनुपमा सिंह को भी टिकट मिलने से कांग्रेस का खेमा भी नाराज है. ललन चौबे सरीखे कांग्रेस के नेता अनुपमा सिंह को टिकट मिलने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है .विधायक ढुल्लू महतो भी धनबाद लोकसभा क्षेत्र के रहने वाले नहीं है तो कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह भी गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र की रहने वाली हैं. दोनों उम्मीदवारों को बाहरी बताया जा रहा है. धनबाद का चुनाव धीरे-धीरे रंग पकड़ रहा है लेकिन आशीर्वाद और डाइनिंग हॉल की राजनीति धनबाद लोकसभा के चुनावी राजनीति पर भारी दिख रही है. आने वाले वक्त में यह और गुल खिला सकती है. ऐसा राजनीतिक पंडितों का मानना है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो