धनबाद(DHANBAD): धनबाद लोकसभा में शनिवार को चुनाव पूरा हो गया. सभी 25 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है, लेकिन उसके बाद भी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की चिंता कम नहीं हुई है. कौन बनेगा धनबाद का सांसद, किस पार्टी के किसने किया भितरघात, जीतने वाले की जीत कितने से हो सकती है. इन सब बातों पर रविवार को मंथन चलता रहा. वैसे तो यह सब मंथन चुनाव परिणाम आने के दिन तक चलता रहेगा .इसके अलावा राजनीतिक दलों का रविवार का दिन हिसाब किताब लगाने में बीता, कि कहां से किसको कितने वोट मिले होंगे. धनबाद में स्थिति ऐसी हो गई है कि अपने दल में ही कुछ लोग दूसरे को शक की निगाह से देख रहे हैं. रविवार को भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में इस तरह की चर्चा होती रही.
रविवार को भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह धनबाद में थे .उन्होंने झारखंड की सभी 14 सीटों पर एनडीए प्रत्याशी की जीत का दावा किया. उनका कहना है कि धनबाद समेत पूरे प्रदेश में भाजपा की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर झारखंड के लोगों ने भी भरोसा जताया है और एनडीए प्रत्याशी को आशीर्वाद दिया है. नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि झारखंड की सभी सीटों पर भाजपा और गठबंधन उम्मीदवार की जीत होगी. भाजपा नेताओं ने पार्टी की जीत का नया कृतिमान बनाने का भी दावा किया. इधर, कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा सिंह भी दिनभर कार्यकर्ता और समर्थकों से मुलाकात करती रही. उन्होंने सबके प्रति आभार प्रकट किया. कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. बूथ वाइज वोटिंग तथा फॉर्म 17 के बारे में चर्चा की. कार्यकर्ताओं ने अनुपमा सिंह का अभिवादन किया. दावा किया कि 15 वर्षों के बाद धनबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस का परचम लहराएगा.
झारखंड में 11 लोकसभा सीटों पर चुनाव हो चुका है. अब 1 जून को संथाल की बारी है. संथाल परगना की तीनों सीट हॉट सीट बन गई है. दुमका, गोड्डा और राजमहल सीट एनडीए के लिए भी प्रतिष्ठा मूलक है तो इंडिया ब्लॉक के लिए भी कम महत्वपूर्ण नहीं है. इस बीच चौथी बार सांसद बनने के लिए चुनाव लड़ रहे निशिकांत दुबे को गोड्डा में कड़ी चुनौती मिल रही है. अभिषेक झा के निर्दलीय खड़ा हो जाने से उनकी परेशानी बढ़ती दिख रही है .रविवार को तीर्थ पुरोहितों की बैठक में अभिषेक झा को समर्थन करने की बात कही गई .संथाल परगना के तीनों सीटों पर सबकी नजर लगी हुई है. दुमका में सीता सोरेन के चलते सीट चर्चा में है तो गोड्डा निशिकांत दुबे को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है. राजमहल में देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा बाजी मारता है या बागी विधायक का असर कुछ होता है. कुल मिला जुला कर कहा जा सकता है कि कोयलांचल की राजनीति अब संथाल परगना में शिफ्ट हो गई है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो