धनबाद (DHANBAD): केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार लेबर कोड (श्रम संहिता) के विरोध में बुधवार को वाम दलों ने धनबाद में जोरदार प्रदर्शन किया. रणधीर वर्मा चौक पर आयोजित इस संयुक्त आंदोलन में भाकपा माले (CPI-ML), सीटू (CITU) सहित कई वामपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया. प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की मोदी सरकार का पुतला दहन करते हुए लेबर कोड को तुरंत वापस लेने की मांग की.
विरोध कार्यक्रम की शुरुआत भाकपा माले की ओर से निकाले गए प्रतिवाद मार्च से हुई, जो शहर के कई इलाकों से होते हुए रणधीर वर्मा चौक पहुंचा. इसके बाद प्रदर्शन और भी उग्र रूप लेता गया. सीटू के कार्यकर्ताओं ने भी भारी संख्या में जुटकर नारेबाजी की और नए श्रम कानूनों को मजदूर विरोधी बताया.
प्रदर्शन के दौरान भाकपा माले नेता हलदर महतो ने कहा कि चारों लेबर कोड पूंजीपतियों, खासकर अडानी और अंबानी जैसे बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं. उनका आरोप है कि इन कोड के लागू होने से मजदूरों के मूल अधिकार खत्म होंगे और काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 किए जाने से श्रमिकों का शोषण बढ़ेगा. साथ ही, मजदूरों के विरोध और आंदोलन करने के अधिकार सीमित किए जा रहे हैं, जिससे उनकी आवाज दब जाएगी. वाम दलों ने चेतावनी दी कि यह संघर्ष यहीं नहीं रुकेगा. उन्होंने कहा कि लेबर कोड वापस लिए जाने तक आंदोलन सड़क से लेकर सदन तक जारी रहेगा.
रिपोर्ट : नीरज कुमार
