धनबाद(DHANBAD): धनबाद के लोगों को याद ही होगा कि रोप- वे से पहले कैसे बालू की ढुलाई होती थी. पुटकी से लेकर सिंदरी तक रोप वे सिस्टम था. उसी से बालू एक जगह से उठाकर दूसरी जगह भेजा जाता था. वह सिस्टम तो बंद हुए कई साल हो गए लेकिन आज तक यह कोई नहीं जाना कि उस सिस्टम में लगे लोहे के मोटे मोटे तार और ट्राली का क्या हुआ. निश्चित रूप से सब के सब चोरों ने काट कर बेच दिए होंगे. अभी धनबाद कोयलांचल में संचालित बीसीसीएल की भूमिगत खदान लगभग बंद कर दी गई है. भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन के लिए लोहे के कई प्रकार के उपकरण का उपयोग होता था. चानक और हवा चानक तो अब इतिहास की बात हो गई है. लेकिन उन लोहो को काटकर अब चोर बेच रहे है. कोयलांचल में सिर्फ कोयला चोरी करने के लिए ही गैंग नहीं है, पशु तस्करों का ही गैंग नहीं है बल्कि स्क्रैप माफिया भी कम नहीं है.
सर्वे कर आकड़ा जुटाने का प्रयास ही नहीं हुआ
बीसीसीएल के पास संभवत कोई ऐसा आंकड़ा नहीं है, जिसे उसे पता चले कि कितने का स्क्रैप यूं ही पड़ा हुआ है और धीरे-धीरे चोरों के हाथ लग रहा है. कहने के लिए तो क्षेत्रीय प्रबंधन कहता है कि सीआईएसएफ और गार्ड की प्रतिनियुक्ति की गई है लेकिन यह सब कागजी कार्रवाई है. क्षेत्रीय प्रबंधन के पास भी ऐसी कोई इन्वेंटरी नहीं है, जिसे पता चले कि उसके पास कितने टन लोहे के सामान बेकार पड़े हुए है. नतीजा है कि कोयला चोरों की तरह लोहा चोर भी यहां सक्रिय है. रात की बात कौन कहे, दिन के उजाले में भी लोहा कटिंग का काम होता है. इन की राह में कोई रोड़ा बनना नहीं चाहता, जो रोड़ा अटकाता है ,उसे बुरे परिणाम भुगतने पड़ते है. यह बात अलग है कि क्षेत्रीय प्रबंधन को चोरी की सूचना मिलती है तो पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी जाती है.
स्क्रैप माफिया से कोई पंगा लेना नहीं चाहता
वह भी सिर्फ इसलिए कि उन पर कोई आंच नहीं आये. लेकिन कोई इमानदारी से यह नहीं चाहता कि बीसीसीएल के स्क्रेप को सुरक्षित रखा जा सके. बीसीसीएल प्रबंधन स्क्रेप को बेच देने में कोई रुचि नहीं दिखता. नतीजा है कि इलाकों में लोहा चोरों की पौ बारह है और लोहा चोरी उनके धंधे का रूप ले लिया है. जानकारी के अनुसार जयरामपुर कोलियरी 4 नंबर चानक पर अपराधियों ने धावा बोलकर चानक के समीप रखें लोहे की डोली को लेकर चले गए. रात्रि पाली में तैनात सुरक्षा गार्ड चोरों से पंगा लेना उचित नहीं समझे. इसका लाभ अपराधियों ने उठाया, घटना के बाद हो हल्ला होने पर काम कर रहे हैं कर्मी जुटे, प्रबंधन को इसकी सूचना दी गई, इसके बाद पुलिस को भी खबर किया गया लेकिन तब तक अपराधी अपना काम कर निकल चुके थे.
जयरामपुर कोलियरी 4 नंबर चानक 3 साल से बंद है
जयरामपुर कोलियरी 4 नंबर चानक पिछले 3 साल से बंद है. इस डोली का उपयोग चानक के अंदर जाने के लिए मजदूर करते है. साथ ही चानक के अंदर जो कोयला उत्पादन होता है, उसे टब में भरकर डोली के जरिए चानक के उपर लाया जाता है. चानक बंद हो जाने से डोली को चानक के समीप ही रख दिया गया था. चोरी करने के लिए एक दो चोर नहीं आए थे बल्कि 20 से 25 की संख्या में चोर पहुंचे थे और उसे लेते गए. प्रबंधन उसे रिजेक्ट लोहा मान रहा है लेकिन अगर इसे स्क्रैप मान कर भी बिक्री कर दी जाती तो क्या प्रबंधन की आय नहीं बढ़ती लेकिन ऐसा किया नहीं जाता है. नतीजा है कि स्क्रैप माफिया भी धनबाद कोयलांचल में सक्रिय है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो