धनबाद(DHANBAD): पशुपतिनाथ सिंह, बच्चा सिंह, जलेश्वर महतो, मथुरा महतो, मन्नान मल्लिक, अपर्णा सेनगुप्ता के बाद धनबाद का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है. नहीं मिल रही है कोयलांचल के विधायकों को मंत्री की कुर्सी. यह अलग बात है कि बीजेपी में रहते हुए पशुपतिनाथ सिंह मंत्री बने थे. समता पार्टी के कोटे से बच्चा सिंह मंत्री बने थे. जदयू में रहते हुए जलेश्वर महतो मंत्री बने थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक मथुरा महतो मंत्री बने थे. कांग्रेस कोटे से मन्नान मल्लिक मंत्री बने थे. फारवर्ड ब्लाक की अपर्णा सेनगुप्ता झारखंड सरकार में मंत्री बनी थी. लेकिन उसके बाद कोयलांचल के विधायकों को मंत्री पद पाने का इंतजार लंबा होता जा रहा है. इस बार भी हेमंत सरकार के मंत्रिमंडल में संथाल परगना के नेताओं पर फोकस किया गया है. संथाल से 3 मंत्री बने हैं. दीपिका पांडे सिंह ,डॉक्टर इरफान अंसारी और हफीजुल हसन मंत्री बने हैं.नगर विकास विभाग भी संथाल कोटे में गया है.
धनबाद का दबदबा बाबूलाल मरांडी की पहली सरकार में था
सोमवार को हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में शामिल 11 मंत्रियों को जो शपथ दिलाई गई, उस सूची में धनबाद का कोई विधायक शामिल नहीं है. धनबाद से आखरी बार 2013 में हेमंत सोरेन की सरकार में धनबाद विधानसभा से कांग्रेस के तत्कालीन विधायक मन्नान मल्लिक को पशुपालन मंत्री बनाया गया था. उसके बाद जितनी भी सरकार आई, किसी ने धनबाद को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी.2014 में बनी रघुवर दास की सरकार में भी धनबाद को जगह नहीं मिली थी. धनबाद का दबदबा झारखंड बनने के बाद बाबूलाल मरांडी की पहली सरकार में था. उसके बाद धनबाद की उपेक्षा होती रही. यह अलग बात है कि झारखंड में अब बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. संथाल परगना जिसको आशीर्वाद देगा, सरकार उसी की बनेगी. संथाल परगना में 18 विधानसभा सीट हैं. जिनमे फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 9 सीट हैं ,कांग्रेस के पास पांच और बीजेपी के पास चार सीट हैं.
चुनाव को देखते हुए संथाल परगना पर फोकस किया गया है
समझा जा रहा है कि चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल में भी संथाल परगना को फोकस किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को भी मंत्री बनाया गया है. यह अलग बात है कि सोमवार को जो मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें संथाल के तीन मंत्री शामिल किए गए हैं. यह विधानसभा चुनाव के नजरिए से किया गया लगता है. धनबाद, बोकारो और गिरिडीह जिले से एकमात्र बेबी देवी को मंत्री बनाया गया है. बेबी देवी झारखंड के कद्दावर नेता टाइगर जगरनाथ महतो (अब स्वर्गीय) की पत्नी है. जगरनाथ महतो के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी बेबी देवी चुनाव जीती. वैसे झारखंड धीरे-धीरे चुनावी मोड की ओर बढ़ रहा है. इसी साल 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को जेल जाने के बाद चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद 28 जून को जब हेमंत सोरेन जेल से बाहर आए तो उन्होंने झारखंड सरकार की कमान अपने हाथ में ले ली. विधायकों के साथ बैठक के बाद हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बनाए गए. उन्होंने शपथ भी ले ली और मंत्रिमंडल का गठन भी हो गया.
2024 का विधानसभा चुनाव झारखंड में रोचक होने की संभावना है
2024 का विधानसभा चुनाव झारखंड में रोचक होने की पूरी संभावना है. क्योंकि एनडीए भी जोर लगाए हुए हैं तो इंडिया ब्लॉक भी सरकार पर फिर से काबिज होने की कोशिश में है. इस बार विधानसभा चुनाव में झारखंड में जयराम फैक्टर भी काम करेगा. इसलिए चुनाव रोचक ही नहीं बल्कि संघर्षपूर्ण भी हो सकता है. कई सीटों पर कांटे की टक्कर होगी. अब देखना दिलचस्प होगा की बाजी किसके खाते में जाती है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो