धनबाद(DHANBAD): कोई भी योजना सरकारी फाइलों में मकड़ी की जाल की तरह, किस तरह उलझती है, इसका उदाहरण है झारखंड की पहली आठ लेन सड़क. नगर निगम और स्टेट हाईवे अथॉरिटी ऑफ झारखंड के बीच पिछले 6 महीने से बिजली कनेक्शन के शुल्क को लेकर विवाद चल रहा है. स्टेट हाईवे अथॉरिटी आफ झारखंड का कहना है कि बिजली कनेक्शन शुल्क 40 लाख रुपए नगर निगम को देना है .जबकि निगम का कहना है कि ऐसा कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है. इस विवाद के कारण पिछले 6 महीने से 8 लेन सड़क पर लाइट नहीं जल रही है. 400 करोड़ की लागत से आठ लेन सड़क बनकर लगभग तैयार है. 400 करोड़ तो खर्च कर दिए गए हैं लेकिन 40 लाख की वजह से 20 किलोमीटर की यह आठ लेन सड़क अंधेरे में डूबी हुई है. नतीजा है कि हर तीसरे चौथे दिन दुर्घटनाएं हो रही है. रात के अंधेरे में गाड़ियां पलट जा रही हैं .लोगों की जाने जा रही है.
सड़क पर अभी तक छाया हुआ है अंधेरा
धनबाद के गोल बिल्डिंग से कतरास के कांको मोड तक 20 किलोमीटर की सड़क बनाई गई है. सड़क के डिवाइडर पर स्ट्रीट लाइट लगा दी गई है ,लेकिन अभी तक बिजली कनेक्शन नहीं लिया गया है. 8 लेन सड़क पर 150 स्ट्रीट लाइट लगा दी गई है, लेकिन अब तक बिजली कनेक्शन नहीं रहने के कारण अंधेरा छाया हुआ है. इस सड़क को बहुत पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन शुरुआती काल से ही इस पर शनि की वक्र दृष्टि रही. काम शुरू होते रहे, रुकते रहे. निर्माण की राशि बढ़ती रही. अब जाकर जब सड़क पूरी हुई है तो बिजली कनेक्शन को लेकर दो विभागों में खींचतान शुरू हो गई है. महीनों पहले सड़क के नामकरण को लेकर भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा आमने-सामने थे .दोनों को जल्दी बाजी थी कि उनके द्वारा प्रस्तावित नाम से सड़क का नामकरण कर दिया जाए. लेकिन इसमें भाजपा पिछड़ गई और झारखंड मुक्ति मोर्चा आगे निकल गया. लेकिन अब जब 40 लाख रुपए की वजह से सड़क अंधेरे में है, दुर्घटनाएं हो रही है तो किसी को भी कोई चिंता नहीं है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो