धनबाद(DHANBAD): धनबाद - चंद्रपुर रेल लाइन पर 5 सालों के बाद डीसी ट्रेन का परिचालन बुधवार से शुरू हो गया. आज इस ट्रेन के कतरास पहुंचने पर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो और गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने चालक एवं गार्ड का स्वागत किया. सांसद और विधायक ने कहा कि 26 जोड़ी ट्रेनें इस लाइन पर बंद हुई थी. धीरे-धीरे सभी ट्रेनों की शुरुआत हो रही है. आज डीसी ट्रेन मिल गई. रेल मंत्री और प्रधानमंत्री को दोनों नेताओं ने धन्यवाद किया. विधायक ढुल्लू महतो ने कड़े लहजे में कहा कि डीसी रेल लाइन को आग से खतरा बताने वाले लोग षड्यंत्र कर रहे है. यह भी कहा कि केंद्र सरकार कतरासगढ़ स्टेशन के सौंदरीकरण के लिए 50 करोड रुपए खर्च कर रही है. यह काम शुरू हो गया है. इसलिए कोई बयानबाजी कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश न की जाए. राज्य सरकार ने डीसी लाइन पर बंद ट्रेनों को चालू करने का कोई प्रयास नहीं किया.
लगातार प्रयास के बाद शुरू हुई है ट्रेन
सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि डीसी ट्रेन को शुरू करने को लेकर कई बार रेल मंत्री से मिले. परिणाम है कि डीसी ट्रेन आज से शुरू हो गई है. इस ट्रेन में पांच जनरल बगियां के अलावा दो एसएलआर बोगी जोड़ी गई है. धनबाद -चंद्रपुरा पैसेंजर ट्रेन के दोबारा पटरी पर लौटने से कतरास व आसपास के स्टेशनों के अगल-बगल रहने वाले लोगों में खुशी का माहौल है. ख़ुशी के माहौल के बीच डीसी पैसेंजर का न्यूनतम किराया ₹30 तय होने पर लोगों में थोड़ी मायूसी जरूर थी. लेकिन मासिक सीजन टिकट का रेट सुनकर लोगों ने राहत ली है. धनबाद -चंद्रपुरा ट्रेन पैसेंजर होने के बावजूद मेल एक्सप्रेस के बराबर किराया तय किया गया है. मेल एक्सप्रेस का 50 किलोमीटर तक न्यूनतम किराया ₹30 निर्धारित है , जबकि पैसेंजर ट्रेन का किराया ₹10 होता है. मासिक टिकट नहीं लेने वाले को 50 किलोमीटर की यात्रा तय करने के लिए ₹30 का भुगतान करना होगा.
डीजीएमएस ने फिर बताया है खतरा
इस बीच डीजीएमएस के महानिदेशक ने एक बार फिर कहा है कि धनबाद -चंद्रपुरा रेल लाइन को आज भी आग से खतरा है. कोयला खनन के कारण कोलकाता -नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी खतरा है. इसकी स्टडी की गई है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर रिस्क असेसमेंट के तहत काम किया जा रहा है. रेलवे भी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ट्रेनों का परिचालन कर रही है. रेल लाइन को आग से खतरा की वजह से 15 जून 2017 को ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे ने इस रेल लाइन को बंद कर दिया था. बिना किसी वैकल्पिक रूट के निर्धारण के रेलवे के इस निर्णय ने सब को चौकाया था. डीजीएमएस की रिपोर्ट के आधार पर यह सब किया गया था. इसके बाद तो कतरास सहित धनबाद के लोग आंदोलन पर उतर आये. धीरे-धीरे यह आंदोलन जन आंदोलन बन गया.
धनबाद से संतोष की रिपोर्ट