धनबाद(DHANBAD):धनबाद कोयलाकर्मियों की भविष्य निधि पर ब्याज दर में इस वर्ष भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कोयला कर्मियों के लिए यह एक झटका माना जा रहा है.पिछले साल भी 7.6 प्रतिशत ब्याज दर थी, इस साल भी 7.6 प्रतिशत ही रहेगी. वैसे ,कोयलाकर्मियों की भविष्य निधि में ब्याज दर लगातार घट रही है. 18, 19 में 8.6% थी, जो घटकर 21,22 में 8.3 प्रतिशत हो गई. फिर 22, 23 में 7.6% तो 23, 24 में भी 7.6 प्रतिशत ही रहेगी. पीएफ बोर्ड ने वित्त मंत्रालय से इसी दर की अनुशंसा की है. कोयला सचिव की अध्यक्षता में गुरुवार को दिल्ली में आयोजित कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
यह ब्याज दर ईपीएफओ के मुकाबले काफी कम है
बोर्ड द्वारा पहले 7.5 प्रतिशत ब्याज दर का प्रस्ताव लाया गया. लेकिन चर्चा के बाद 7.6% की अनुशंसा की गई. पिछले वित्तीय वर्ष में भी यह दर 7.6 प्रतिशत ही थी. यह ब्याज दर ईपीएफओ के मुकाबले काफी कम है. ईपीएफओ की ओर से 8.25 प्रतिशत ब्याज दर देने की घोषणा की गई है. कम ब्याज दर पर कहा गया कि पीएफ फंड में निवेश से होने वाली आमदनी पर ब्याज दर निर्भर करता है. ईपीएफओ शेयर में ज्यादा निवेश लगभग 15% कर रहा है. लेकिन सीएमपीएफ का कुल पीएफ फंड से 5% शेयर में निवेश होता है.इस बैठक में अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई. पेंशन फंड की खराब स्थिति पर अध्ययन करने के लिए कोयला सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाई गई है. जून में होने वाली अगली बैठक में कमेटी रिपोर्ट देगी.कोल इंडिया को पेंशन फंड में ₹20 प्रति टन देने पर भी बात हुई .इसके अलावे कोल माइंस प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन को धनबाद से हटा कर अन्यंत्र ले जाने के प्रस्ताव पर भी विचार हुआ .कहा गया कि लोकसभा चुनाव के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा .
बोर्ड की बैठक में अधिकतर सदस्यों ने रांची में ही शिफ्टिंग की बात कही
पहले रांची में कोल माइंस प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन को शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया था. लेकिन अब रांची के साथ-साथ हैदराबाद का भी नाम शामिल किया गया है. बोर्ड की बैठक में अधिकतर सदस्यों ने रांची में ही शिफ्टिंग की बात कही .कुछ सदस्यों ने धनबाद में ही रखने पर जोर दिया. वैसे धनबाद से यह कार्यालय आज नहीं तो कल, शिफ्ट करने पर निर्णय लगभग हो गया है .शिफ्टिंग रांची में होगा या हैदराबाद में, इस पर निर्णय लेना है. धनबाद से कार्यालय क्यों हट रहा है.यह भी एक सवाल है. इस बैठक में कोयला कर्मियों को भविष्य निधि में अधिक ब्याज दर की उम्मीद थी. लेकिन उनकी उम्मीद पर पानी फिर गया है. पिछले साल के बराबर ही इस साल भी ब्याज दर मिलेगी. इस तरह कहा जा सकता है कि कोयला कर्मियों को एक बार फिर ब्याज दर को लेकर झटका लगा है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो