धनबाद(DHANBAD): धनबाद जिला भाजपा में रार शुरू हो गया है. अभी तो केवल ग्रामीण जिला कमिटी की घोषणा हुई है. महानगर की घोषणा होनी अभी बाकी है. महानगर की घोषणा होने पर भी विवाद और विरोध बढ़ने की संभावना बनी हुई है. धनबाद जिला भाजपा में अभी परिवर्तन की लहर चल रही है. गुरुवार को 23 सदस्य वाली धनबाद भाजपा ग्रामीण जिला कमेटी की घोषणा होते ही विरोध शुरू हो गया है. कहा गया है की नई कमेटी में सिर्फ सिंदरी विधानसभा क्षेत्र से 11 पदाधिकारी है. इनमें जिला अध्यक्ष के अलावा दो महामंत्री तथा चार उपाध्यक्ष शामिल है. भाजपा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष घनश्याम ग्रोवर ने गुरुवार को सूची जारी की. उसके बाद से ही विरोध के स्वर उठने लगे है. भाजपा के ही लोग बताते हैं कि नई कमेटी में लगभग 50% पदाधिकारी सिंदरी विधानसभा क्षेत्र के है. जबकि टुंडी और निरसा विधानसभा से आधे पदाधिकारी है.
निरसा और टुंडी विधानसभा के लोगो में गुस्सा
यह भी जोड़ा जा रहा है कि निरसा और टुंडी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को उनके कद- काठी और क्षमता के अनुसार जिम्मेवारी नहीं मिली है. हालांकि इसका कमिटी में कुछ पुराने लोग हैं तो नए लोग भी शामिल किए गए है. लोकसभा चुनाव के पहले से ही धनबाद जिला महानगर और ग्रामीण कमेटी का गठन पेंडिंग था. पहले कहा गया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल इसे स्थगित रखा गया है. लोकसभा चुनाव के बाद इसकी घोषणा की जाएगी. घोषणा तो हो गई लेकिन विरोध भी शुरू हो गया है. अभी महानगर कमेटी की घोषणा होनी बाकी है. उम्मीद की जा रही है कि दो-तीन दिनों में महानगर कमेटी का भी गठन हो जाएगा. यह अलग बात है कि धनबाद भाजपा में अभी खींचतान चल रही है. धनबाद से ढुल्लू महतो के सांसद बनने के बाद से ही यह संभावना व्यक्त की जा रही थी. इधर , ग्रामीण भाजपा के गठन के साथ ही विरोध शुरू हो गया है.
धनबाद महानगर युवा मोर्चा के नए अध्यक्ष
इधर, यह भी खबर आई है कि धनबाद महानगर युवा मोर्चा का अध्यक्ष नित्यानंद मंडल को बनाया गया है. नित्यानंद मंडल गुरुवार को धनबाद के विधायक राज सिन्हा के आवास पहुंचे और आशीर्वाद लिया. विधायक ने भाजपा धनबाद महानगर के युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष नित्यानंद मंडल को अंग वस्त्र देकर शुभकामनाएं और बधाई दी. इस पर भी चर्चाएं फिलहाल तेज है. विधानसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में पार्टी की सक्रियता बढ़ी हुई है. टिकट की रेस में कुछ नए दावेदार भी सामने आए हैं, तो पुराने अथवा सिटिंग विधायक भी अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए जुगत में लगे हुए है. वैसे, भी झारखंड में 2024 का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होगा. लड़ाई कांटे की होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो