☰
✕
  • Jharkhand
  • Bihar
  • Politics
  • Business
  • Sports
  • National
  • Crime Post
  • Life Style
  • TNP Special Stories
  • Health Post
  • Foodly Post
  • Big Stories
  • Know your Neta ji
  • Entertainment
  • Art & Culture
  • Know Your MLA
  • Lok Sabha Chunav 2024
  • Local News
  • Tour & Travel
  • TNP Photo
  • Techno Post
  • Special Stories
  • LS Election 2024
  • covid -19
  • TNP Explainer
  • Blogs
  • Trending
  • Education & Job
  • News Update
  • Special Story
  • Religion
  • YouTube
  1. Home
  2. /
  3. News Update

धनबाद आशीर्वाद अग्निकांड: इन मौतों का जिम्मेवार कौन, क्या हो पायेगी कातिल की पहचान?

धनबाद आशीर्वाद अग्निकांड: इन मौतों का जिम्मेवार कौन, क्या हो पायेगी कातिल की पहचान?

धनबाद(DHANBAD): मंगलवार की देर शाम कोयलांचल की राजधानी माने जाने वाली धनबाद शहर के 13 मंजिला आशीर्वाद ट्विन टावर में एक शादी समारोह के दौरान आग लगने से कुल 14 लोगों की दुखद मौत हो गयी, इस हादसे में 10 महिलाएं, 3 बच्चों सहित एक पुरुष ने अपनी जिंदगी खो दी. कई लोग अभी भी मौत और जिंदगी के बीच झुल रहे हैं. अधिकांश लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं.

हादसे के बीच एक पिता ने नहीं खोया अपना हौसला

लेकिन इस भयावह हादसे की बीच भी एक पिता ने अपना हौसला नहीं खोया, उस पिता ने अपनी बेटी को इस बात का एहसान नहीं होने दिया कि जिनकी गोदी में वह पल कर ब़ड़ी हुई, जिनके के बीच उसका बचपन गुजरा, आज उसमें से कई इस दुनिया में नहीं रहें. घटनास्थल से महज कुछ ही दूरी पर स्थित सिद्धि विनायक मैरेज हॉल में वह पिता अपनी बेटी स्वाति की रश्मों को पूरा करवाता रहा.

स्वाति की मां, दादी और मौसी सहित 15 परिजनों ने खोई जिंदगी

बेटी स्वाति की विदाई कर पिता सुबोध श्रीवास्तव एसएनएमएमसीएच पहुंचे और एक-एक कर अपनों की पहचान करने लगें. स्वाति के हाथ पीले तो जरूर हो गए, लेकिन इस काली रात ने उसकी मां, दादी और मौसी सहित 15 परिजनों को छीन लिया. अब तक की मिली जानकारी के अनुसार दूसरे तल्ले पर स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट पंकज अग्रवाल के घर पूजा के दीपक से आग फैलने की शुरुआत हुई, जो धीरे-धीरे चौथे तल्ले तक पहुंच गयी.

राज्य सरकार ने की चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा

इस बीच राज्य सरकार की ओर से मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है. लेकिन क्या इसी से राज्य सरकार की जिम्मेवारियां खत्म हो जाती है. मिली जानकारी के अनुसार, आग लगने के बाद जब दमकल की गाड़ियों को वहां भेजा गया, तब मात्र दो गाड़ियां ही अपार्टमेंट तक प्रवेश कर पायी, जबकि बाकी की गाड़ियों को बाहर ही रखना पड़ा था.

नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी), 2016 का उल्लंघन

स्पष्ट है कि बहुमंजली इमारतों में अपनायी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था का यहां अनुपालन नहीं किया गया. यह नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी), 2016 का घोर उल्लंघन है. नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी), 2016 में आग से सुरक्षा के कुछ नियम व शर्ते तय किए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से अप्रूवल प्रक्रिया, सीढ़ी बनाने के नियम, फायर फाइटिंग मापदंड, लिफ्ट नार्म आदि शामिल है. अब सवाल यह है कि आशीर्वाद ट्विन टावर में इन मानकों को उल्लंघन क्यों किया गया, नियमों को ताक पर रख कर निर्माण की अनुमति किसके इशारे पर दी गयी, वह शख्स कौन है?

फायर फाइटिंग मापदंड की हुई अनदेखी

नियमों के अनुसार यहां एक हजार लीटर प्रति मिनट की दर से फेंकने वाला विशाल पानी का स्टोरेज होना चाहिए था, बेसमेंट में ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर की होना चाहिए था. लेकिन आशीर्वाद ट्विन टावर इन नियमों की पूरी अनदेखी की गयी थी.

लिफ्ट नार्म्स की अनदेखी

नियम कहता है कि किसी भी हाई-राइस बिल्डिंग में उसमें रहने वालों लोगों के अलावा फायरमैन के लिए एक अलग से लिफ्ट होनी चाहिए, ताकी किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में वह उपर नीचे कर सके, फायर लिफ्टों की स्पीड नियमित लिफ्ट से ज्यादा होती है, इसकी स्टीड इतनी होती है कि फायर मैन एक मीनट के अन्दर ग्राउंट फ्लोर से उपर की मंजिल तक पहुंच जाये. एनबीसी समय समय पर फायर सेफ्टी नार्म्स का के बारे में दिशा निर्दश जारी करता रहता है, लेकिन बिल्डिंग डेवलपर द्वारा इसकी धज्जियां उड़ायी जाती है. यहां भी यही हुआ. फायर ऑडिट करने में राज्य सरकारों की लापरवाही भी सामने आ रही है, पूरे झारखंड में जहां भी इस तरह की घटनाएं सामने आयी है, यह कमी सबमें पायी गयी है. स्पष्ट है कि किसी न किसी सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण ही ऐसी घटनाएं होती है और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.

क्या कहता है कानून

कानून तो यह कहता है कि यदि किसी डेवलपर के द्वारा एनबीसी के मानकों उल्लंधन किया जाता है तो उसका बिल्डिंग परमिट रद्द किया जायेगा, उस संरचना को गिराना होगा, तब क्या राज्य सरकार मृतक के परिजनों को मात्र चार लाख रुपये का भुगतान कर अपना हाथ खड़ा करना चाहती है, या इस पूरे हादसे की जांच के लिए किसी एजेंसी को जिम्मेवारी दी जायेगी?

किस संरचना को गगनचुंबी इमारत माना जाता है

यहां बता दें कि ग्राउंड लेवल से 15 मीटर ऊपर के हर निर्माण को गगनचुंबी स्ट्रक्चर माना जाता है, इस प्रकार का किसी भी स्ट्रक्चर का निर्माण से पहले अग्निशमन विभाग से अनुमति प्राप्त की जाती है, क्या आशीर्वाद ट्विन टावर में यह अनुमति ली गयी थी, यदि हां, तो हादसे के वहां दमकल की गाड़ियां क्यों नहीं पहुंच रही थी?

कातिल कोई व्यक्ति है, या संस्था या हमारा पूरा सिस्टम

इसका जिम्मेवार कौन है. मृतकों का कातिल कोई व्यक्ति है, कोई संस्था है या हमारा पूरा सिस्टम, किसी को यह जिम्मेवारी लेनी तो होगी. सिर्फ चंद रुपये का मुआवजा इसका इंसाफ तो नहीं हो सकता.

रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार

Published at:02 Feb 2023 12:37 PM (IST)
Tags:Dhanbad Ashirwad fire incidentresponsible for these deaths will be the identity of the murdererdhanbad firedhanbad fire newsdhanbad fire accidentfire in dhanbaddhanbad newsdhanbaddhanbad hospital firedhanbad ashirwad tower firedhanbad hazra hospital fireaashirwad apartment dhanbad firefire in dhanbad ashirwad towerjharkhand firedhanbar hajra hospital firedhanbad latest newsfire incident dhanbaddhanbad jharkhandfirelatest news on fire dhanbad hopitaldhanbad news firedhanbad news todaydhanbad hospital fire today
  • YouTube

© Copyrights 2023 CH9 Internet Media Pvt. Ltd. All rights reserved.