धनबाद(DHANBAD) | क्रूरता की पराकाष्ठा के बीच बेकाबू पशु तस्कर. गोवंश तस्करी के लिए ऐसी क्रूरता दिखाई जा रही है, जिसे सुन -जानकर सब कोई आश्चर्य में पड़ जा रहे है. होश में नहीं, बेहोश कर पशुओं को ढोया जा रहा है. जिस कंटेनर में 10 से 12 पशुओं को लोड कर ले जाने की जगह है, उसमें 40 से अधिक पशु ठूस -ठूस कर भर दिए जा रहे है. नतीजा हो रहा है कि पशु वाहन में ही दम तोड़ दे रहे है. निरसा में शनिवार को पुलिस ने 44 पशुओं से लदे एक कंटेनर को जब्त किया. जांच में 41 पशु मृत पाए गए. मौत का कारण तस्करों द्वारा कंटेनर में क्रूरता पूर्वक पशुओं को भरा जाना बताया जाता है.
बेहोश कर ले जाये जा रहे थे पशु
हालांकि सूत्र यह भी बताते हैं कि पशुओं को बेहोशी की दवा देकर कंटेनर में लोड किया गया था. पुलिस को सूचना मिली कि तस्कर गोवंश को बिहार से बंगाल के रास्ते बांग्लादेश ले जा रहे है. किसी को कोई शक नहीं हो, इसलिए पशुओं को कंटेनर में लादा गया था. पुलिस ने छापेमारी की तो वह भी दंग रह गई. 44 में से 41 पशु मृत थे. फिर भी कंटेनर में उन्हें ढोया जा रहा था. सूत्र बताते हैं कि जिस कंटेनर में मात्र 10 से 12 पशु ही ले जाए जा सकते हैं, उसमें 44 पशु लोड कर दिए गए थे. नतीजा हुआ कि 41 की जान चली गई. धनबाद से गुजरने वाला जीटी रोड पशु तस्करों का बहुत बड़ा चारागाह बना हुआ है. बिहार से पशुओं को लाकर धनबाद जिले के सीमा के पास एकत्र किया जाता है.
बिहार से झारखंड और फिर बांग्लादेश
फिर वहां से लोड कर बंगाल ले जाया जाता है. वहां से बांग्लादेश भेज दिया जाता है. इसमें कई अंतरप्रांतीय संगठित गिरोह सक्रिय है. इन गाड़ियों का बकाया गिरोह के लोग पेट्रोलिंग करते है. गाड़ी पास करने के लिए पासिंग कोड भी देते है. ऐसी बात नहीं है कि निरोधात्मक एजेंसियों को इसकी जानकारी नहीं रहती. वह सब कुछ जानते हैं लेकिन कार्रवाई तभी होती है, जब सेटिंग में कोई गड़बड़ी हो जाती है. निरसा में कंटेनर में पकड़ाए पशु कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी पशुओं से लाडे कंटेनर बरामद होते रहे है.
धनबाद (निरसा ) से विनोद सिंह की रिपोर्ट