जामताड़ा(JAMTADA):जामताड़ा में लाचार, बेसहारा और विवश बुजुर्गों के लिए लोकसभा चुनाव 2024 वरदान बन गया है.आयोग के एक फरमान से वृद्धाश्रम कब्जा मुक्त हो गया. इसे मुक्त कराने का श्रेय डीसी कुमुद सहाय को मिला.अब वृद्धाश्रम गुलजार हो रहा है. चुनाव आयोग ने देश भर में संघर्ष कर रहे बेसहारा परित्यक्त वृद्धों को मुख्य धारा में जोड़ना चाहा है. जिससे परिपक्व प्रजातंत्र के महापर्व में बेघर लोग भी मताधिकार का उपयोग कर पाएं.
जामताड़ा का वर्तमान उपायुक्त जिले का सजग प्रहरी हैं
इसे संयोग कहें या अवसर जामताड़ा का वर्तमान उपायुक्त जिले का सजग प्रहरी हैं.जिन्होंने चुनाव आयोग के निर्देश के अनुपालन का संकल्प लिया है. उन्होंने सबसे पहले अपने एजेंसियों को सक्रिय किया. फिर एक एक कर व्यवस्था जुड़ते चली गई. देखते ही देखते काफिला आंदोलन बन गया.जामताड़ा में बना वृद्धों का भव्य भवन जिसे वर्षों से जिला प्रशासन कब्जा कर रखा था.आज वहीं भवन एक संवेदनशील महिला अधिकारी के चलते बुजुर्गों का अभ्यारण बन गया. उसे स्वयं उपायुक्त सजाने और बेहतर बनाने में जुटी है.
पढ़ें अब कौन सी सुविधाएं बुजुर्गों को मिलनेवाली है
आपको बताये कि यहां महिला और पुरुष वृद्धों को उपायुक्त लजीज पकवान परोस रही हैं. उनके साथ स्वयं समय बीता रही है. उनके साथ भोजन भी ग्रहण कर रही है. इन बुजुर्गों को दैनिक उपयोग के लिए वस्त्र मुहैया कराया.गर्मी से राहत देने के लिए मिट्टी के घड़े की पानी और बिजली पंखे का हवा मिलेगा. अब समय पर फल और दूध मिलेंगे. इनका नियमित स्वास्थ्य जांच होगा,उत्तम और कारगर दवाईयां मिलेगी.इसके लिए सिविल सर्जन तत्पर रहेंगे. आदतन बुजुर्गों के साथ लापरवाही करने पर सिविल सर्जन जिला बदर हो सकते हैं. इस पहल का हर तरफ सराहना हो रही है.आलम यह है कि चुनाव की भागा भागी में पक्ष और विपक्ष सभी ने उपायुक्त कुमुद सहाय के बुजुर्ग प्रेम की सराहना की हैं. वहीं चुनाव के उपरांत वृद्धाश्रम को जामताड़ा का पवित्र स्थान बनाने का सस्वर सभी ने संकल्प लिया है.
रिपोर्ट-आरपी सिंह