टीएनपी डेस्क(TNP DESK): झारखंड के युवाओं का भविष्य संवारने का जिम्मा JPSC जैसी संस्था को सौंपा गया था, जिम्मेदारी थी कि निष्पक्ष और बिना किसी धांधली के परीक्षा कराए. मगर, हुआ इसके बिल्कुल उल्टा. आज JPSC अपने विवाद और परीक्षा में हुए धांधली के लिए जाना जाता है. राज्य के युवा अगर JPSC द्वारा निकाली गई किसी नियुक्ति की तैयारी कर रहे हैं तो हो सकता है कि आपकी उम्र निकल जाए, मगर आपकी नियुक्ति ना हो.
दरअसल, 17 साल पहले झारखंड लोक सेवा आयोग यानी कि जेपीएससी ने 50 पदों पर नियुक्ति के लिए फर्स्ट डिप्टी कलक्टर सीमित परीक्षा की प्रक्रिया शुरू की थी. मगर, हर बार की तरह इस परीक्षा में भी गड़बड़ी की शिकायत मिली, जिसके बाद दो बार परीक्षा रद्द किया जा चुका है.
2005 में जारी किया गया था विज्ञापन
पहली बार जेपीएससी फर्स्ट सीमित परीक्षा के लिए विज्ञापन 2005 में जारी किया गया था. इसके बाद इस परीक्षा का आयोजन वर्ष 2006 में हुआ. मगर, इस परीक्षा में व्यापक पैमाने पर धांधली की शिकायत हुई. शिकायत मिलने के बाद इस परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई. इसके बाद फिर इस पूरे मामले की जांच राज्य निगरानी ब्यूरो को सौंपा गया. लेकिन फिर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद फिर पूरे मामले की जांच सीबीआई को करने को कहा गया. जांच के बीच में ही हाई कोर्ट का फैसला आया और 12 जून 2013 को यह परीक्षा रद्द कर दी गई.
2020 में हुआ दोबारा परीक्षा
हालांकि, इसके बाद इस परीक्षा को दोबारा आयोजित की गई. दूसरी बार यह परीक्षा 3 जनवरी 2020 को हुई. इसके बाद 24 दिसंबर को मॉडल आंसर जारी किया गया, लेकिन आज तक रिजल्ट घोषित नहीं हुआ. अभ्यर्थी पिछले 17 सालों से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें ये भी नहीं पता कि उन्हें अब और कब तक इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि अभ्यर्थियों में अभी थोड़ी सी उम्मीद बाकी है. इसके पीछे का कारण हाई कोर्ट है. प्रथम डिप्टी कलक्टर सीमित परीक्षा के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर रिजल्ट जारी की गुहार लगाई थी. जिसके बाद छह दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट ने जेपीएससी को चार सप्ताह में रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया है. इससे अभ्यर्थियों में रिजल्ट आने की उम्मीद जगी है.
बात दें कि प्रथम डिप्टी कलक्टर सीमित परीक्षा का रिजल्ट भले ही अब तक ना आ पाया हो, लेकिन सेकेंड डिप्टी कलक्टर सीमित का रिजल्ट आ चुका है और इसमें अभ्यर्थियों की नियुक्ति भी हो चुकी है. सेकंड और फोर्थ की परीक्षा एक साथ हुई थी.
JPSC की 16 परीक्षाओं के खिलाफ सीबीआई जांच
बता दें कि JPSC के लिए ये विवाद कोई नया नहीं है. JPSC के द्वारा ली गयी 16 परीक्षाओं में सीबीआई जांच चल रही है. इसके चेयरमैन से लेकर सदस्यों तक को जेल जाना पड़ा है. JPSC द्वारा ली गयी परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी और विवादों में लगभग पांच दर्जन से ज्यादा केस कोर्ट में चल रहे हैं. झारखंड हाई कोर्ट ने अबतक दर्जन से भी ज्यादा बार JPSC के खिलाफ सख्त टिप्पणियां की है. कई मुकदमे ऐसे हैं जिसमें अदालत की कार्यवाही के बीच JPSC ने खुद अपनी गलती भी मान ली.