देवघर (DEOGHAR): देवघर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ नगरी है. यहां पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग होने के कारण सालों भर देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं आना-जाना लगा रहता है. पूजा अर्चना के बाद प्रसाद स्वरूप यहां का पेड़ा काफी नमी है. वहीं दूसरी ओर लाह चूड़ी उत्पादों की भी जमकर खरीदारी होती है. दूसरा प्रसाद के रूप में लाह चूड़ी की मांग को देखते हुए सरकार इनके कारीगरों के लिए कई योजना लाई है. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय अंतर्गत हस्तशिल्प कार्यालय द्वारा आज देवघर के एक निजी होटल में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में बैंकों के अधिकारी, लाह चूड़ी के कारीगर एवं उद्यमी शामिल हुए.
लाह चूड़ी को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान
वन जिला वन प्रोडक्ट के तहत देवघर का लाह चूड़ी का उत्पाद अब राष्ट्रीय पहचान बनने जा रही है. इसको लेकर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि एवं संबंधित मंत्रालय पहल कर रही है. देवघर में वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अधीनस्थ हस्तशिल्प विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. मंत्रालय द्वारा देवघर मैं पदस्थापित सहायक निदेशक भुवन भास्कर ने बताया कि देवघर में लाह चूड़ी के कारीगर एवं उद्यमियों को एक साथ जोड़कर उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. वस्त्र मंत्रालय का मानना है कि देवघर के इस प्रोडक्ट को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिले. इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार उपलब्ध कराया जाएगा. साथ ही इसके व्यवसाय को मजबूत करने के लिए देवघर में एक अत्याधुनिक लाह चूड़ी इम्पोरियम स्थापित किया जाएगा. इस एंपोरियम के जरिए ना वहां सिर्फ खरीदारी की जाएगी बल्कि इच्छुक लोग इसके कामकाज को सीख सकते हैं और बनते देख सकते हैं. इसके लिए सभी स्तर से सराहनीय पहल की जा रही है.
लाह चूड़ी के कारीगर और व्यवसाय के उत्थान के लिए बैंक करेगी हर संभव मदद
पैड़ा की तरह लाह चूड़ी का भी उद्योग पनपे इसके लिए बैंक सामने आ रही है. इंडियन बैंक के एजीएम विष्णु प्रभाकर ने बताया कि मुद्रा लोन और shg द्वारा प्राप्त आवेदन पर विचार करते हुए निष्पादन किया जा रहा है. वहीं आगे लाह चूड़ी के कारीगरों के उत्थान के लिए हर संभव मदद करने का भी आश्वासन दिया गया.
देवघर में लाह चूड़ी एक उद्योग के रूप में पनपेगा तो कइयों को रोजी रोजगार तो मिलेगा साथ ही साथ पलायन पर भी बहुत हद तक लगाम लग सकता है. लेकिन जरूरत है इसे उद्योग का दर्जा देने के लिए सरकार की ओर से सकारात्मक पहल की.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा